उदयपुर शहर के एक होटल में सेफ्टी टैंक साफ करने उतरे दो जनों की दम घुटने से मौत के मामले में शनिवार को दूसरे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका। वाल्मिकी समाज कलक्ट्रेट के बाहर धरना दे रहा है। उन्होंने मांग रखते हुए कहा कि मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने के साथ-साथ होटल संचालक से मुआवजा भी दिलाया जाये।

वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधि, पूर्व पार्षद और संघ पदाधिकारी समाज के लोगों और सफाईकर्मियों के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे और वहां धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे बाहर नारेबाजी करते हुए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे है।
बाद में एडीएम ओपी बुनकर के साथ भी बैठक हुई जिसमें सभी प्रतिनिधि शामिल हुए, भाजपा से उपमहापौर पारस सिंघवी और कांग्रेस नेता विवेक कटारा भी आये। सभी के बीच चर्चा हुई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।

वाल्मिकी समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें कोर्ट के नियमानुसार तय सरकारी मुआवजा तो मिलेगा ही, साथ ही होटल संचालक को भी मुआवजा दिया जाए और दोनों मृतकों के परिवार के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए। सभी लोग वापस बाहर आ गए और वापस कलक्ट्रेट पर धरना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि शुक्रवार को शहर के सज्जनगढ़ रोड स्थित जस्टा होटल में सेफ्टी टैंक की सफाई में लगे वाल्मिकी समाज के दो लोग सेफ्टी टैंक में उतर गये थे। इस दौरान जहरीली गैस से खांजीपीर निवासी महेंद्र छापरवाल और किशनपोल बीड़ा निवासी विजय कल्याणा की मौत हो गई।