आज दिनांक 20 जुलाई 2023 को लघु उद्योग भारती, जिला व्यापार मान संघ एवं का भरतपुर ऑयल मिल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान से फ्यूल सरचार्ज के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। राजस्थान के उद्योग क्षेत्र एवं व्यापारिक संगठनों पर अनेक दबाव हैं
1. राजस्थान राज्य उद्योगों एवं व्यावसायिक संस्थानों को देश में सबसे अधिक दरो पर मंहगी बिजली देने वाले राज्यों में से प्रमुख है। इस कारण नये उद्योग व व्यावसायिक संस्थान राजस्थान में निवेश करने से कतराते है।
2 कुछ क्षेत्रों को दी जाने वाली सस्ती बिजली एवं निशुल्क बिजली की भरपाई उद्योगों से अधिक दर पर बिजली आपूर्ति करके वसूली जाती है।
3. अब कोयला खरीद की अव्यवस्था एवं लापरवाही को भी विशेष फ्यूल सरचार्ज के नाम से उद्योगों के माथे मढ़ा जा रहा है फ्यूल सरचार्ज व स्पेशल फ्यूल सरचार्ज के नाम पर विद्युत बिलों में बढी हुई राशि दुगुनी से भी ज्यादा विद्युत निगमों की घोर लापरवाही लघु उद्योगों व व्यापार जगत को भारी नुकसान
विद्युत निगम द्वारा वर्ष 2022 2023 के चार तिमाही का फ्यूल सरचार्ज पिछले दो माह से बिजली बिलों में वसूला जा रहा है। वर्ष 2022-23 का फ्यूल सरचार्ज पिछले वर्षों के बिजली बिलों में लिया जाना चाहिये था, अब वर्ष समाप्ति पर इसे विद्युत बिलों में जोड़ना विद्युत अधिनियमों के विपरीत है तथा उपभोक्ताओं के साथ एक तरह से धोखा-धोखाधड़ी है। घटिया कोयले की खरीद, कोयले की उपलब्धता में कमी, विदेशों से चार गुना महंगा कोयला खरीदना तथा तापीय विद्युत गृहों की सही रखरखाव नहीं रखवाना तथा सोलर एण्ड विडं प्लांट्स द्वारा उत्पादन के नाम पर, बार बार तापीय विद्युत गृहों को बन्द करना, निगमों में घोर निकम्मापन, अपारदर्शिता तथा जिम्मेदारी का अभाव दर्शाता है इसी वजह से विद्युत बिलों मे फ्यूल सरचार्ज व स्पेशल फ्यूल सरचार्ज जोड़ा जाकर 59 पैसे प्रति यूनिट तथा पिछले बारह महिनों का बकाया जोड़कर हर माह वसूला जा रहा है।
निगमों से अडानी पावर लि द्वारा 11268 /- करोड़ों रूपये आयातित कोयले के कारण अतिरिक्त विद्युत उत्पादन पर खर्च की राशि उपभोक्ताओं से बिजली बिलो से वसूला जा रहा है। अभी निगमों द्वारा आरई आरएल में एक याचिका प्रस्तुत कर अडानी पॉवर लि से 4647 करोड रूपये के अतिरिक्त भुगतान वापिस करने की मांग की गयी है। निगमों का कहना है कि यह राशि अडानी पॉवर द्वारा निगमों से फालतु वसूल कर ली है। क्या यह निगमों की उदासीनता नहीं दर्शाता है। अब उपभोक्ताओं से यह राशि 7 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से अगले 5 वर्षों में वसूलने का क्या औचित्य है।
यह वसूली तुरन्त प्रभाव से बन्द करनी चाहिये तथा स्पेशल फ्यूल सरचार्ज जो गलत तरीके से आंका गया है। उसे बिलों से हटाना चाहिये तथा जो राशि वसूली जा रही है उसे तुरन्त प्रभाव से उपभोक्ताओं को निगमों द्वारा वापिस करना चाहिये धरने में सुनील प्रधान, संजय चौधरी, अमित अग्रवाल, गिरधारी गुप्ता, विवेक गुप्ता, राजीव मित्तल, सौरभ शर्मा, राजीव चौधरी, प्रेम सिंह, कुंतल राहुल, बंसल, सत्यवान फौजदार, रोहित शर्मा, सतीश शर्मा, कमलजीत मग्गू, मनोज खंडेलवाल, सीए विनय गर्ग, बृजेश अग्रवाल, संतोष कुमार, सचिन, मनोज जैन कृष्ण कुमार अग्रवाल, मनोज खंडेलवाल, देवेंद्र चामण नरेश शर्मा, प्रमोद अग्रवाल, राकेश कुमार बंसल, गिरधारी गुप्ता, गिरधारी तिवारी मौजूद रहे
reporter-ashish verma