जयपुर। राजस्थान में जब कांग्रेस की सरकार बनी है तब से अपराधिक मामले चर्म पर है। बीते कुछ सालों में अपराध इतने बढ़ गए है कि राजस्थान पूरे देश में पहले स्थान पर आ गया है। आलम यह है कि एक जिले में बवाल थमता नहीं है उससे पहले दूसरे जिले में शुरू हो जाता है। अभी जालोर का मामला शांत नहीं हुआ और अलवर में बवाल हो गया। अलवर जिले के गोविन्दगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के रामबास गांव में चोर समझकर शौचकर घर आ रहे एक व्यक्ति को लोगों ने पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया।

पीड़ित पक्ष ने रखी ये मांग
गोविंदगढ़ में मंगलवार को उसके परिजन एवं उनके साथ अन्य लोग एकत्रित हो गए और आरोपियों की गिरफ्तारी आदि मांगों को लेकर शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही पीड़ित पक्ष ने 50 लाख मुआवजा, एक सदस्य को नौकरी और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

भारी पुलिस बल तैनात
प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और तनाव के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया है। क्षेत्र से लगते सभी थानों की तैनाती गोविंदगढ़ में घटनास्थल पर कर दी गई है। जिला पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त फोर्स मौके पर तैनात कर दी है।

बाजार पूरी तरह से बंद
वहीं, घटना के विरोध में गोविंदगढ़ बाजार पूरी तरह से बंद रहा। सब्जी मंडी व्यापारियों ने भी कामकाज बंद रखा। रविवार 14 अगस्त को को राम बास निवासी चिरंजी शौच के लिए खेत में गया था। उसी दौरान अलवर के सदर थाना क्षेत्र से एक ट्रैक्टर को चोरी करके लाया जा रहा था और ट्रैक्टर मालिक और कुछ लोग चोरों का पीछा कर रहे थे।

पीट-पीटकर कर दिया अधमरा
चोरों ने अपने आप को पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़कर भाग गए। इतने में पुलिस से पहले ट्रैक्टर के मालिक आ गए और खेत में नित्य कर्म कर रहे रामबास निवासी चिरंजी को चोर समझकर पीट दिया जिससे वह गंभीर रुप से घायल हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने चिरंजी को अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसे जयपुर भेज दिया गया था। बाद में सोमवार शाम को चिरंजी ने दम तोड़ दिया। मृतक चिरंजी के परिवार में कुल 11 सदस्य हैं और वह सब्जी का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था।

जालोर : 40 घंटे बाद हुआ दलित छात्र का अंतिम संस्कार
जालोर जिले के सुराणा गांव के एक प्राइवेट स्कूल के टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत के बाद माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। परिजन और प्रशासन की सहमति के 40 घंटे बाद बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया। दरअसल, प्रदर्शनकारी बच्चे के शव को छीनना चाह रहे थे। उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ के उग्र होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

मटकी से पानी पीने पर दलित छात्र को बुरी तरह पीटा
आपको बता दें कि 20 जुलाई को दलित छात्र ने मटके से लिया था। बौखलाएं स्कूल टीचर छैल सिंह ने छात्र की बेरहमी से पिटाई की थी। इससे उसकी कान की नस फट गई थी। वह कराहते हुए घर पहुंचा और पूरा मामला परिजनों को बताया। इसके बाद पिता और अन्य परिवार वाले उसे हॉस्पिटल लेकर भागे, बागोड़ा, भीनमाल, डीसा, मेहसाणा, उदयपुर में इलाज कराया था। लेकिन शनिवार को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।