जयपुर। राजस्थान के सीकर में एक बार फिर से गैंगवार की घटना हुई है। शनिवार की सुबह राजू ठेठ की चार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस मर्डर की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंस के सदस्य रोहित गोदारा ने ली है। ये वारदात सीकर के उद्योग नगर क्षेत्र में हुई है। लेकिन राजस्थान के शेखावाटी रीजन में गैंगवार का यह पहला केस नहीं है। बीते कुछ साल में शेखावाटी की धरती कई बार लहू से लाल हो चुकी है। राजू ठेहट को घर के बाहर ही अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया है।

आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से थी रंजिश
गैंगस्टर राजू ठेहट की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। चार-छह बदमाशों ने राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोली मार दी। राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से रंजिश चल रही थी। लॉरेंस बिश्नोई के राहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। रोहित गोदारा ने लिखा कि उसने आनंदपाल और बलबीर की हत्या का बदला ले लिया है।

लारेंस विश्नोई की गैंग ने ली हत्या की जिम्मेदारी
राजू ठेहट को घर के बाहर ही अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया है।फायरिंग की आवाज सुनकर घर के अंदर से बाहर आए स्वजनों से राजू को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजू से रंजिश रखने वाले गैंगस्टर लारेंस विश्नोई की गैंग के बदमाश रोहित गोदारा ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर के हत्या की जिम्मेदारी ली है।

बदमाशों ने की 60 राउंड फायरिंग
बदमाशों ने करीब 60 राउंड फायरिंग की है। गोली मारने के बाद दो बदमाशों ने जमीन पर पड़े राजू को हाथ लगाकर देखा कि कहीं वह जिंदा तो नहीं है। पुलिस का मानना है कि ट्रेक्टर में बदमाश इसलिए आए, जिससे किसी को उन पर शक नहीं हो। बाद में ट्रेक्टर से कुछ दूरी पर खड़ी अल्टो कार में बदमाश फरार हो गए। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बदमाशों की पहचान की जा रही है। राजू का गैंग प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय था। उसकी लारेंस विश्नोई के साथ ही आनंदपाल गैंग के साथ वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती थी।

सीकर बंद करने का एलान
राजू की हत्या से आक्रोशित वीर तेजा सेना ने अनिश्चितकालीन के लिए सीकर बंद करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया है। वहीं जाट समाज के लोग सीकर की दुकानों को बंद करवा रहे हैं। वो बाजरों में घूम-घूमकर दुकानदारों से दुकान बंद रखने को कह रहे हैं। वीर तेजा सेना के सीकर बंद कराने को लेकर पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया। कल्याण चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर वीर तेजा सेना के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया है। मोर्चरी के बाहर भीड़ देखकर पुलिस बल तैनात किया गया है।

जानिए राजू ठेठ की क्राइम कुंडली
ऐसा कहा जाता है कि राजू ने गोपाल फोगावट के साये में शराब का धंधा भी शुरू कर दिया। इस दौरान उसकी मुलाकात बलबीर बानूड़ा से हुई। बानूड़ा दूध का व्यापार करता था, लेकिन राजू से मिलने के बाद बानूड़ा को पैसे की ऐसी लत लगी कि वह अपार दौलत कमाने के लिए शराब का धंधा करने लगा। जब बलबीर बानूड़ा और राजू ठेठ ने मिलकर सीकर में भेभाराम हत्याकांड को अंजाम दिया और यहीं से शुरू हुआ शेखावाटी में गैंगवार का खौफनाक सफर। साल 1998 से 2004 तक शेखावाटी में बलवीर और राजू ने अपना खौफ इस कदर कायम किया कि अगर कोई शेखावाटी में शराब जैसे अवैध धंधे में शामिल हो और वह राजू ठेठ और बलबीर बानूड़ा को संरक्षण का पैसा न दे, तो समझो उसका खेल खत्म।

बलबीर बानुडा से दोस्ती दुश्मनी में बदली
2004 में राजस्थान में शराब के ठेकों की लॉटरी निकाली गई। जिसमें जीण माता में शराब की दुकान राजू ठेहट और बलबीर बानुडा को मिली। दुकान शुरू हुई और उस पर बलबीर बानुडा का साला विजयपाल सेल्समैन के तौर पर रहने लगा। दिनभर में हुई शराब की खपत का हिसाब शाम को विजयपाल बानुडा और ठेहट दोनों को देता था। दुकान से जिस प्रकार की बचत राजू ठेहट चाहता था, वह बचत उसे मिल नहीं रही थी। ठेहट को लगा की विजयपाल दुकान की शराब बेचने की बजाय ब्लैक में शराब बेचता है। इसी बात को लेकर राजू ठेहट और विजयपाल में कहासुनी हो गई और कहासुनी इस हद तक बढ़ गई की राजू ठेहट ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी।

आनंदपाल के बाद राजू का शेखावटी में बढ़ा वर्चस्व
विजयपाल की हत्या के बाद राजू ठेहट और बलबीर बानुडा की दोस्ती अब दुश्मनी में बदल गई। इसके बाद आनंदपाल और बानुडा ने राजू ठेहट के संरक्षक की हत्या कर दी। जिसके बाद राजू ठेहट भी आनंदपाल और बलबीर बानुड़ा के खून का प्यासा हो गया। दोनों गैंग एक दूसरे पर हमला करने लगे। आनंदपाल एनकाउंटर में मारा गया। जिसके बाद राजू ठेहट का शेखावटी में वर्चस्व बढ़ गया था।