जयपुर। प्रदेश के बारां जिले के छबड़ा शहर में दो युवकों को छुरा घोंपे जाने के बाद रविवार को सांप्रदायिक हिंसा फैल गई एवं भीड़ ने दर्जनों वाहन एवं दुकानों में आग लगा दी तथा तोडफोड़ की। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है एवं इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस के साथ ही आरएसी कंपनी तैनात की गई है।

दर्जनों वाहन और दुकानों में लगा दी आग
दरअसल, शनिवार को चाकूबाजी की घटना हुई थी, जिसने रविवार को साम्प्रदायिक हिंसा का रूप धारण कर लिया। शनिवार शाम धरनावाड़ा सर्किल में कमल गुर्जर (32) और राकेश धाकड़ (21) को एक अन्य समुदाय के युवकों ने हमले में घायल कर दिया था। इस पर मचे बवाल के बीच कस्बे के कई बाजारों की दुकानों को ​उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। कई वाहनों को भी फूंक दिया गया। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। कई दुकानदार ऐसे रहे जो डर के कारण अपनी दुकानें खुली छोड़कर ही भाग गए।

लगाना पड़ा कर्फ्यू, इंटरनेट सेवा निलंबित
धरनावाड़ा सर्किल, स्टेशन रोड, एजाज नगर और अलीगंज क्षेत्रों में करीब 10-12 दुकानें जला दी गयीं और एक निजी यात्री बस, कारों एवं अन्य वाहनों के साथ-साथ एक दमकलगाड़ी भी आग के हवाले कर दी गयी। इस आगजनी से माहौल ओर बिगड़ गया। भीड़ इस कदर बेकाबू हो गई कि आग को बुझाने पहुंची दमकल में भी तोड़फोड़ की। इस अराजकता की स्थिति के बाद जब अन्य थानों की पुलिस मौके पर पहुंची तो भीड़ को लाठीचार्ज कर तितर-बितर किया। पुलिस ने लूटपाट और आगजनी के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। बारां के जिलाधिकारी ने छबड़ा के नगरपालिका क्षेत्र में रविवार को शाम चार बजे से कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया। अधिकारियों के अनुसार जिले में 13 अप्रैल को शाम चार बजे तक इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है।

दुष्यंत सिंह ने ​की निष्पक्ष जांच की अपील
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सांसद बेटे दुष्यंत सिंह ने राज्य सरकार से इस मामले में निष्पक्ष जांच करने की अपील की है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह भी किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को गहलोत सरकार गंभीरता से लें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाएं। सरकार को कमजोर और गरीबों का साथ देना चाहिए। जिस प्रकार से बारां में ऐसे हालात उत्पन्न हुए हैं उसके लिए कहीं ना कहीं राज्य सरकार ही जिम्मेदार है।