चूरू में सरदारशहर पुलिस थाने में हिरासत में लिए गए युवक की मौत व उसकी भाभी के साथ निर्मम पिटाई और गैंगरेप की घटना के बाद आखिरकार दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मृतक की भाभी की ओर से पुलिस प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोपों के बाद सीआईडी सीबी ने सरदारशहर के तत्कालीन थानाधिकारी रणवीर सिंह समेत करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैंगरेप, मारपीट व एससी/एसटी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं पुलिस प्रताड़ना से सहमी पीड़िता का फिलहाल जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज चल रहा है।

गौरलतब है कि चूरू में गत 6 जुलाई की रात को सरदारशहर पुलिस ने चोरी के आरोप में युवक नेमीचंद को गिरफ्तार किया था जिसके बाद थाने में मारपीट किए जाने से आरोपी की मौत हो गई थी। सूचना पर पहुंची मृतक की भाभी के साथ भी पुलिस ने मारपीट की और महिला कांस्टेबल की मौजदूगी में 6-7 पुलिसकर्मियों ने गैंगरेप जैसे घिनौने कृत्य को अंजाम दे डाला। इस मामले में तत्कालीन थानाप्रभारी रणवीर सिंह समेत 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित और 26 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर पूरा थाना स्टाफ बदल दिया गया है।

रक्षक ही बनेंगे भक्षक तो कैसे होगी नागरिकों की सुरक्षा

बीते 6 माह में अपराधों के बढ़ते ग्राफ पर गौर करे तो अधिकतर मामलों में पुलिस की लापरवाही व संवेदनहीनता ही सामने आई है। अपने फर्ज के प्रति पुलिस की सुस्ती-अनदेखी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेप के आधे से ज्यादा मामले जांच के नाम पर लंबित चल रहे हैं। खुद रक्षक ही भक्षक बनकर आमजन में भय का माहौल पैदा कर रहे है। वहीं पुलिस प्रशासन के निकम्मेपन पर सरकार की चुप्पी भी आमजन के घावों को गहरा कर रही है। सरकार का जब पुलिस प्रशासन पर ही नियंत्रण नहीं है तो आमजन की सुरक्षा कैसे होगी ?