जयपुर। राजस्थान में जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से यहां अपराधिक मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे है। प्रदेश में रोजाना आ रही अपराधिक घटनाओं से जनता भयभीत, डरी और सहमी हुई है। मौजूदा हालात को देखकर ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत सरकार अपराधियों के लिए मसीहा बनी हुई है। हाल ही में प्रदेश के करौली में मंदिर जमीन के विवाद को लेकर पुजारी को जलाने के मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। भाजपा के नेता लगातार इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।

गहरी नींद त्याग कर दोषियों को सख्त सजा ​दिलाए सरकार
पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि करौली जिले के सपोटरा में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार देने के मामले की जितनी निंदा की जाए, जितना दुःख जताया जाए, कम है। राजे लिखा कि राजस्थान में अपराध का ग्राफ जिस गति से बढ़ रहा है, उससे एक बात तो स्पष्ट है कि यहां महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, दलित, व्यापारी कोई भी सुरक्षित नहीं है। राज्य की कांग्रेस सरकार को अब अपनी गहरी नींद को त्यागते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाकर परिवार को तुरंत न्याय दिलाना चाहिए।

राजस्थान में जंगलराज चरम पर
इससे पहले भी राजस्थान में लगातार दुष्कर्म मामलें पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा। राजे ने चूरु जिले में सामने आए सामूहिक दुष्कर्म के मामले का ज़िक्र करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों से मीडिया में ऐसी कोई हैडलाइन नहीं है जिसमें दुष्कर्म की घटनाओं का जिक्र ना हो। अब चूरू के नवां गांव में सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने ये साबित कर दिया है कि राजस्थान में जंगलराज की स्थिति चरम पर है और सरकार का पुलिस प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है।

राजस्थान सरकार इस बार भी खामोश
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश में हर तरह के अपराधों की घटनाएं बढ़ती जा रही है। राजस्थान में अपराधियों के हौसलें इस कदर बुलंद है कि वे कानून व्यवस्था का मखौल उड़ाने से नहीं चूक रहे। सपोटरा में पुजारी को जिंदा जलाकर मारने की हृदयविदारक घटना से साबित हो रहा है कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है लेकिन राजस्थान सरकार हर बार की तरह इस बार भी खामोश है।