किसानों की हितैषी बनने वाली कांग्रेस ने तीन राज्यों में सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं निकाल पाई है। राजस्थान में यूरिया की भारी कमी के चलते विभिन्न जिलों में किसान मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप रहे हैं। इसी बीच शनिवार तड़के मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह क्षेत्र झालरापाटन में ठंड से एक किसान की मौत हो गई। प्रदेश में ठंड से हुयी किसान की मौत पर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लिया है। बीजेपी राजस्थान और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने संयुक्त रूप से गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किए। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार किसानों के प्रति कितनी संवेदनशील है ये अभी से दिखाई दे रहा है।
दिल्ली में ‘एक परिवार’ की चाटुकारिता में लगे हुए हैं मुख्यमंत्री गहलोत
बीजेपी राजस्थान और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने संयुक्त ट्वीट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गांधी परिवार की चाटुकारिकता करने वाला बताया है। बीजेपी ने गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, किसानों के हितैषी बनने का ढोंग करने वाले अशोक गहलोत को भी किसानों की पीड़ा नहीं नजर आती। आएगी भी कैसे, 16 दिन के कार्यकाल में 11 दिन तो मुख्यमंत्री ने दिल्ली में ‘एक परिवार’ की चाटुकारिता में लगा दिए।
किसानों के हितैषी बनने का ढोंग करने वाले अशोक गहलोत को भी इनकी पीड़ा नहीं नजर आती। आएगी भी कैसे, 16 दिन के कार्यकाल में 11 दिन तो मुख्यमंत्री ने दिल्ली में ‘एक परिवार’ की चाटुकारिता में लगा दिए। https://t.co/CdEjKvVOak pic.twitter.com/QiZOcKXjV9
— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) December 31, 2018
बीजेपी राजस्थान ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि सत्ता के मद में चूर गहलोत सरकार की किसानों के प्रति संवेदना खत्म हो चुकी है। झालरापाटन के गोविंद पुरा गांव के मोहनलाल लोधा की रात में फसल की सिंचाई के दौरान ठंड लगने से मौत हो गई। किसानों की सरकार और किसानों का मुख्यमंत्री का ढोल पीटने वाले राहुल गांधी के मुख से अब तक एक शब्द भी नहीं निकला। पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने बीजेपी राजस्थान के ट्वीट्स को रिट्वीट किया है।
राजस्थान के किसानों से कांग्रेस ने किए थे ये वादे
प्रदेश में सत्ता हथियाने के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों से कई वादे कर वोट हासिल किए थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही थी। इसे राजस्थान कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में भी शामिल किया। लेकिन अभी तक किसानों का कर्ज माफ नहीं हो पाया है। इसके साथ ही बुजुर्ग किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान, गोचर भूमि बोर्ड का गठन और कृषि उपकरणों को जीएसटी से मुक्त करने जैसे बड़े वादे किए हैं। प्रदेश के किसान अब कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से इन वादों के पूरे होने की आस लगाए बैठे हैं।