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सरकार के प्रयास से राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों के रसोईघर से धुआं हटता जा रहा है। पीएम मोदी की महिलाओं को धुएं से आजादी दिलाने की पहल ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’ ने राजस्थान में कमाल कर दिया है। पिछले साल से पहले तक होता यह था कि गर्मियों में तेज हवा चलने से राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे चूल्हे पर खाना बनाते समय घरों में आग लगने का खतरा बना रहता था। वहीं बरसात के मौसम में अचानक बारिश से लकड़ी गीली हो जाती थी ऐसे में चुल्हा जलाने में काफी मुश्किलें आती थीं। लेकिन अब उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिलने से राजस्थानी महिलाओं को दोनों मौसमों से राहत मिली है। साथ ही कच्चे चूल्हे से निकलने वाले हानिकारक धुएं से भी निजात मिली है।

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                                                          राजस्थान में ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ‘ से 24 लाख परिवार हुए लाभान्वित.

प्रदेश का गैस कनेक्शन जारी करने में 5वां स्थान

देशभर में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन जारी करने में राजस्थान पांचवें नंबर पर है। राजस्थान से पहले उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और मध्यप्रदेश का स्थान है। देशभर में अब तक ऑयल और गैस कंपनियों की मदद से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 3 करोड़ 22 लाख 39 हजार 561 आवेदकों के घर चूल्हे की जगह गैस पहुंच चुकी है। हालांकि, देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी एक बड़ी आबादी गैस कनेक्शन के अभाव में चूल्हे का इस्तेमाल कर रही है। केंद्र और राज्य सरकारों का प्रयास है कि सभी ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में गैस कनेक्शन पहुंचाकर मिट्टी के चूल्हे से निकलने वाले हानिकारक धुएं के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।

राजस्थान में अब तक 24 लाख से ज्यादा आवेदन स्वीकृत: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 मई, 2016 से उज्जवला योजना की शुरूआत की गई थी। राजस्थान में इस अवधि में अब तक 24 लाख 50 हजार 641 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। लेकिन अभी भी राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों से आवेदनों की लंबी कतार लगी हुई है। वसुंधरा राजे सरकार प्रदेश के सभी पात्र परिवारों को उज्जवला योजना से लाभान्वित करने की दिशा में पहल कर रही है। राजस्थान में अब तक वितरीत गैस कनेक्शन में सबसे ज्यादा संख्या उन ग्रामीण महिलाओं की है जिन्होंने अब तक केवल कच्चे चूल्हों पर खाना पकाया था।

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प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में काफी हद तक धुआं हटा है। प्रदेश का खाद्य विभाग और रसद अधिकारियों के साथ तेल कंपनियों की पहल भी सराहनीय है। लेकिन अभी भी लक्ष्य काफी दूर है। अभी भी प्रदेश में लाखों की संख्या में ऐसे परिवार है जिन्हें इस योजना के लाभ की जरूरत है। साथ ही ग्रामीण इलाकों में गैस आपूर्ति की समस्या का निदान करना भी जरुरी है।