जयपुर। राजस्थान में जारी राजनीतिक संग्राम के बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार चल रहा है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी द्वारा कई राज्यों में सत्ता की भूख का खेल खेला जा रहा है लेकिन शायद मोदी सरकार ने इस बार गलत राज्य के लोगों के जज्बे को चुनौती दे दी। बीजेपी ने राजस्थान के लोगों के जज्बे को नहीं समझा। कांग्रेस ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त की चर्चा चल रही है। इस मामल में एसओजी ने मुकदमा भी दर्ज किया है।

केन्द्रीय मंत्री ने रचा षड़यंत्र
कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों की निष्ठा खरीदकर चुनी हुई सरकार को गिराने का षडयंत्र हो रहा है। बीजेपी के नेताओं की भूमिका इस मामले में कई बार सवालों के दायरे में आई है। कई बार ऐसा लगता था कि ये सभी बातें केवल आरोपों के घेरे में ही सीमित होकर ना रहतीं लेकिन लगातार जो बातचीत के ऑडियो सामने आ रहे हैं उससे लगता है कि इसमें बीजेपी के नेताओं की भूमिका भी है। कांग्रेस के मुताबिर इस पूरे मामले में बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अहम रोल निभाया है।

पानी की गंगा बहाने के लिए लाए थे, भ्रष्टाचार की गंगा बहा रहे हैं
कांग्रेस ने जोधपुर के बीजेपी सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत पर कई गंभीर आरोप लगाए है। कांग्रेस का कहना है कि गजेंद्र सिंह को पानी की गंगा बहाने के लिए मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया था, लेकिन वे भ्रष्टाचार की गंगा बहाने में व्यस्त हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत वर्तमान में जल संसाधन मंत्री हैं। 30 मई, 2019 को मोदी सरकार ने गजेंद्र को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन गजेंद्र प्रदेश में पानी की गंगा की जगह भ्रष्टाचार की गंगा बहा रहे है। उन पर राजस्थान में जनता के द्वारा चुनी गई सरकार के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप हैं। जिसके ऑडियो टैप सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहे हैं।

गजेंद्र सिंह से भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व नाराज – सूत्र
ऑडियो टेप सामने आने के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत सभी के निशाने पर आ गए है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी सांसद को कांग्रेस के विधायक को तोड़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। केन्द्रीय मंंत्री से जुड़े इस पूरे घटनाक्रम के लिए भारतीय जनता पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व उनसे नाराज है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह सहित शीर्ष नेता जल्द ही गजेंद्र सिंह को दिल्ली बुलाकर जवाब-तलब कर सकते हैं। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार गजेंद्र को केन्द्रीय नेतृत्व के सामने इस पूरे मामले में सफाई देनी पड़ सकती है।