जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस साल अपना जन्मदिन आठ मार्च की बजाय चार मार्च को ही मनाने जा रही है। राजे ने अपना जन्मदिन मनाने के लिए सालासर धाम को चुना है। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा का जन्मदिन आठ मार्च को होली पड़ रही है। इसे देखते हुए उन्होंने अपना जन्मदिन चार मार्च को ही मनाने का निर्णय लिया है। उस दिन वो सालासर धाम में पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लेंगी और अपना जन्मदिन मनाएंगी। वहीं बीजेपी ने चार मार्च को अशोक गहलोत के खिलाफ धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया है। राजे पिछले कुछ साल से अपना जन्मदिन किसी से किसी देवी देवता के मंदिर में दर्शन और जनसभा के साथ मनाती आ रही है।

जन्मदिन के बहाने शक्ति प्रदर्शन
वसुंधरा राजे के जन्मदिन को चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। वे अपने जन्मदिन के मौके पर सालासर में एक जनसभा को संबोधित करेंगी। सालासर धाम में जन्मदिन के मौके पर सासंद दुष्यंत सिंह, सांसद राहुल कस्वा, प्रताप सिंह सिंधवी, नरेंद्र नागर, कालीचरण सर्राफा, अशोक परनामी, युनुस खान, दिनेश जोशी, राम सिंह कस्वा सहित अनेक नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है।

राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज
आपको बता दे कि इससे पहले वसुंधरा राजे ने अपना जन्मदिन कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के केशवराय जी के मंदिर में मनाया था। उस समय उसमें करीब 50 विधायकों के शामिल होने की चर्चा थी। सालासार में जन्मदिन मनाने की वसुंधरा की घोषणा ने राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं को तेज कर दिया है। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले वसुंधरा खेमा अपनी सक्रियता बढ़ा रहा है। इसे राष्ट्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।

BJYM का विधानसभा घेराव
राजस्थान में लगातार हो रहे पेपर लीक को लेकर भाजयुमो ने 4 मार्च को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व की ओर से राजे का कार्यक्रम तय होने के 6 दिन बाद जयपुर में विधानसभा घेराव के कार्यक्रम की घोषणा की गई है। इसमें राज्य में पेपर लीक, बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, जैसे ज्वलंत मुद्दों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

राजे की राजस्थान में बीजेपी को स्थापित करने में अहम भूमिका
राजस्थान में बीजेपी को स्थापित करने में वसुंधरा राजे का हाथ माना जाता है। उन्होंने राज्ये में बीजेपी को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वसुंधरा राजे का गिनती जल्द हार न मानने वाले नेताओं में होता है। पिछले पांच साल से प्रदेश में बीजेपी ने दूसरे नेताओं को उभारने की काफी कोशिशें की हैं, लेकिन वसुंधरा राजे के सामने उसकी हर कोशिशें फेल ही हुई हैं। ऐसे में अगर बीजेपी वसुंधरा राजे के जगह प्रदेश में किसी और नेता को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करता है तो इसका खामियाज़ा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।