जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद से मुख्यमंत्री के नामों को लेकर अटकलों का बाजार गरमा गया है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से लेकर अन्य नेता भी सक्रिय हो गए हैं। माना जा रहा है कि भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर पर मुहर लगेगी। इस बीच, मेल-मुलाकातों का दौर तेज हो गया है। बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे के समर्थकों ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार और मंगलवार को 70 से ज्यादा विधायकों से मुलाकात की है।

वसुंधरा राजे से मिल चुके हैं 70 से ज्यादा विधायक
मालवीयनगर विधानसभा सीट से जीत का चौका लगाने वाले बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने सूबे की सियासत को लेकर बड़ा बयान दिया है। कालीचरण सराफ ने इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया। उन्होंने बताया कि चुनावी नतीजे सामने आने के बाद से अब तक लगभग 70 से ज्यादा बीजेपी विधायक पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया से मिल चुके हैं।

राजे जहां गईं, वहां भाजपा जीती
कालीचरण सराफ ने कहा है कि बीजेपी की सबका साथ सबका विकास वाली थ्योरी पर वसुंधरा राजे सिंधिया खरी उतरती हैं। सराफ ने कहा कि वसुंधरा राजे सिंधिया पार्टी की कद्दावर नेता हैं और चुनाव प्रचार के दौरान वो जहां-जहां गईं, उनमें से एक-दो सीट छोड़ दें तो लगभग सभी पर बीजेपी को जीत मिली है। वसुंधरा राजस्थान में भाजपा की सर्वमान्य नेता हैं। वसुंधरा से मुलाकात के बाद विधायक बहादुर कोली, गोपीचंद मीणा और समाराम गरासिया ने कहा कि हमारी राय पूछी गई तो वसुंधरा पहली पसंद होंगी। सराफ ने कहा- वसुंधरा हमारी सर्वमान्य नेता हैं।

वसुंधरा राजे को ही मिलेगी प्रदेश की कमान
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से लेकर अभी तक मुख्यमंत्री चेहरा का ऐलान किया गया है। प्रदेश में बीजेपी को बहुत मिलने के बाद अब सीएम पद को लेकर सस्पेंस बरकरार है। सीएम के नामों का ऐलान करते समय पीएम मोदी ने हमेशा रणनीतिक सूझबूझ का परिचय देते हुए सभी को चौंकाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में पीएम मोदी एक बार फिर वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं।

बीजेपी की बड़ी जीत में राजे की अहम भूमिका
राजे की पूरे राजस्थान में पकड़ शानदार मानी जाती है। जानकारों की मानें तो वसुंधरा राजे ने जिस तरह से पूरे चुनाव में प्रचार किया और बीजेपी के पक्ष में हवा में बनाई। उससे उनके नाम पर मुहर लगना तय माना जा रहा है। इस चुनाव में वसुंधरा राजे की यात्रा एक प्रचारक की पारंपरिक भूमिका से परे है। राजे ने पूरे राज्य में ताबड़तोड़ 50 से ज्यादा रैलियां की जहां बीजेपी 66 फीसदी से ज्यादा सीटें जीतने में सफल भी रही। ऐसे में राजे को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है।

लोकसभा चुनाव में पार्टी हो होगा फायदा
केंद्रीय नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव तक राजे को ‘सुरक्षित समाधान’ के रूप में देख रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह राजे की महिला वोटरों के बीच खासा पैठ होना भी है। इस पूरे चुनाव में राजे ने महिला केंद्रित नीतियों का खूब प्रचार किया जिससे महिलाओं ने उन्हें बढ़ चढ़कर वोट दिया। इसके अलावा वसुंधरा राजे की पैठ राजस्थान की हर जाति में मजबूत मानी जाती है।लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है।

16वीं विधानसभा का होगा गठन
प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने 15वीं विधानसभा भंग करने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब नए विधायकों से 16वीं विधानसभा का गठन होगा। चुनाव आयोग ने भी राजस्थान सहित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तेलंगाना और मिजोरम में लगी आदर्श आचार संहिता को हटा लिया है।