जयपुर। राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस सहित अन्य राजनीति पार्टियों सक्रिय हो गई है। बीते कुछ दिनों से सभी राजनीति दल अपनी अपनी रणनीति में जुट गए है। बीजेपी ने भी प्रदेश में चुनाव के लिए शंकवाद कर दिया है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान पर फोकस कर रहे है। पीएम मोदी ने बुधवार यानी 31 जून को अजमेर का ​दौरा किया। प्रधानमंत्री के इस दौरे से बीजेपी में गुटबाजी की खबरों को विराम लग गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अजमेर की रैली में खासकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को लेकर हो रही तरह-तरह की राजनीतिक चर्चाओं पर भी विराम लगाने की कोशिश की है।

मंच पर पहुंचते ही PM मोदी ने जोड़े हाथ
अजमेर की रैली में जब पीएम मोदी मंच पर पहुंचे तब वसुंधरा राजे उन्हें सामने नजर आईं। वसुंधरा राजे को देखते ही पीएम मोदी ने हाथ जोड़ेकर उनका अभिवादन स्वीकर किया। वहीं वसुंधरा ने भी मुस्कुराकर पीएम मोदी के राजस्थान आगमन का शुक्रिया कहा। वसुंधरा से पीएम मोदी की मुलाकात तस्वीर को देखकर ऐसा लगता है कि वह क्लियर मैसेज दे रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री को नजरअंदाज करने की भूल कोई ना करे।

मंच पर तीन नेताओं की तस्वीर
प्रधानमंत्री की अजमेर रैली में मंच पर लगाए गए पोस्टर में केवल पांच लोगों की तस्वीर रखी गई। पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी तस्वीर रखी गई। उनके ठीक बगल में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की फोटो है। पोस्टर के दूसरे हिस्से में है। इस हिस्से में राजस्थान बीजेपी के तीन नेताओं त्रिदेव के रूप में दर्शाया गया। तस्वीर में पहले राजस्थान बीजेपी के हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए सांसद सीपी जोशी, बीच में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके बगल में पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ की तस्वीर है।

कर्नाटक की हार के बाद राजे की बढ़ी अहमियत
बीजेपी इन तस्वीरों के जरिए साफ संकेत दे रही है कि राजस्थान में उनके ये तीन चेहरे ही प्रमुख हैं। इसके अलावा अजमेर की रैली के लिए बीजेपी की तरफ से जो भी प्रचार सामग्री तैयार किए गए हैं उन सब में वसुंधरा राजे की तस्वीर को प्रमुखता से रखा गया है। पार्टी में सीपी जोशी की प्रदेशाध्यक्ष पद पर ताजपोशी और कर्नाटक चुनाव में हार के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को तरजीह मिलना शुरू हो गई है।

राजे की सक्रियता से जनसभा में जुटी भीड़
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सक्रिय होने के साथ ही भाजपा की जनसभाओं में भीड़ जुटना शुरू हो गई है। पीएम मोदी के अजमेर दौरे पर देखने को मिला। इस दौरान उनकी जनसभा में जबरदस्त भीड़ मौजूद रही। हालांकि पीएम मोदी के कार्यक्रम की जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के पास थी। उन्होंने भी पीएम की जनसभा को सफल बनाने के लिए पूरी मेहनत की है। राजनीति के जानकारों की मानें तो प्रदेश में वसुंधरा राजे की सक्रियता का असर पीएम मोदी की जनसभा में दिखा है। प्रदेश में इससे पहले पीएम मोदी की सभाओं में पार्टी इतनी भीड़ नहीं जुटा पा रही थी। आपको बता दें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पीएम मोदी के कार्यक्रम से एक दिन पहले अजमेर पहुँच गई थी।

भीड़ नहीं जुटने झेलनी पड़ी थी पीएम की नाराजगी
पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी के कार्यक्रमों में भीड़ नहीं जुटने से पूनिया और संगठन को प्रधानमंत्री की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। पीएम मोदी पिछले साल माउंट आबू दौरे के दौरान आयोजित जनसभा में भीड़ नहीं जुटने की वजह बगैर भाषण दिए ही चले गए थे। इसके बाद पीएम ने नाराजगी जाहिर की थी। जानकार यह भी बताते हैं कि दौसा में पीएम मोदी की सभा में भीड़ जुटाने के लिए भाजपा नेताओं को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में पीएम मोदी की अजमेर में जनसभा में उमड़ी भीड़ देखकर प्रधानमंत्री गदगद हो गए।

प्रदेश में जनाधार रखने वाली नेता हैं राजे
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का राजस्थान में प्रभावी जनाधार हैं। प्रदेश में राजे के कार्यक्रमों में भारी भीड़ देखी जाती है। प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा में राजे के कार्यकर्त्ता मौजूद हैं। राजनीति के जानकार बताते हैं कि पार्टी द्वारा वसुंधरा राजे को तरजीह दिए जाने के बाद के राजे गुट पूरी तरह सक्रिय हो गया है। इसका फायदा सीधे तौर पर पार्टी को मिल रहा है। अजमेर में पीएम मोदी की जनसभा के सफल रहने की यह भी एक अहम वजह रही है। प्रदेश में वसुंधरा राजे से जुड़े नेताओं का तो दावा है कि वसुंधरा राजे द्वारा पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने के लिए संदेश भेजा गया था। पीएम मोदी की सफल जनसभा इसी का नतीजा है।