जयपुर। राजस्थान में कोयला सप्लाई नहीं होने के कारण बिजली संकट गहराया हुआ है। कई सालों बाद पहली बा​र कई कस्बे और गांव अंधेरे में डूबे है। प्रदेश की पूर्व वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने गहलोत सरकार (Gehlot Government) पर बिजली कटौती को लेकर हमला बोला है। राजे ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती है। गांवों में ही नहीं बिजली कटौती से शहरों में भी लोग परेशान हैं।

गहलोत सरकार की उदासीनता के कारण प्रदेश में विद्युत संकट
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सबसे बड़ा सूरतगढ़ सुपर थर्मल पॉवर प्लांट ठप हो गया है। वहां कोल रैक नहीं मिलने के कारण 250-250 मेगावाट की सभी 6 इकाइयां बंद हो गई हैं। आगे उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार की उदासीनता की वजह से कई बिजली घर बंद हैं और कई बंद होने की स्थिति में हैं। प्रदेश में विद्युत संकट पैदा हो गया है।

राज्य सरकार नहीं कर रही कोयले का भुगतान
बीजेपी की दिग्‍गज नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री राजे ने कहा कि कांग्रेस सरकार कोयले का भुगतान नहीं कर रही है, इसलिए कोयला मिलना बंद हो गया है तथा बिजली उत्पादन भी ख़ासा प्रभावित हुआ है। जबकि हमारे कार्यकाल में कोयले का समय पर भुगतान होता था, अतः ना तो कोयले की कमी होती और ना ही बिजली के उत्पादन में कोई बाधा आती थी।

उपभोक्ताओं पर बढ़ाया स्थाई शुल्क और एनर्जी चार्ज
उन्होंने कहा कि बिजली का स्थाई शुल्क और एनर्जी चार्ज बढ़ा कर इस सरकार ने ना सिर्फ उपभोक्ताओं पर भार डाला, बल्कि वास्तविक रीडिंग की बजाय एवरेज बिल भी दिए जा रहे हैं। इसके कारण उपभोक्ता पहले से ज़्यादा भुगतान कर रहा है, लेकिन उसे बिजली पहले के मुक़ाबले बहुत कम मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार से मांग की है कि बिजली नागरिकों की मूलभूत सुविधा है, इसलिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाई जाये।