गहलोत बनाम राजे
गहलोत बनाम राजे

जयपुर। राजस्थान में लगातार दुष्कर्म मामलों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक बार फिर इस मामलों को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। राजे ने चूरु जिले में सामने आए सामूहिक दुष्कर्म के मामले का ज़िक्र करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों से मीडिया में ऐसी कोई हैडलाइन नहीं है जिसमें दुष्कर्म की घटनाओं का जिक्र ना हो। अब चूरू के नवां गांव में सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने ये साबित कर दिया है कि राजस्थान में जंगलराज की स्थिति चरम पर है और सरकार का पुलिस प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है।

शर्मसार करने वाली घटनाएं सभ्य समाज के लिए चुनौती
आपको बता दें कि बीते दिनों भी राजे ने प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म के मामलों पर चिंता जताई थी और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये थे। 2 अक्टूबर को दिए अपने पिछले बयान में उन्होंने कहा था कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से सामने आ रहीं दुष्कर्म की घटनाएँ मानवता को शर्मसार करने वाली है। राजे ने कहा था कि कोरोना संक्रमण के बीच यह शर्मसार करने वाली घटनाएं सभ्य समाज को चुनौती देती हैं। राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से ध्यान देने की जरूरत है और जिन्होंने ऐसे जघन्य कृत्य किये है उन्हें तत्काल सजा मिलनी चाहिए।

वसुंधरा राजे के समर्थक होने लगे एकजुट
वसुंधरा राजे अपने समर्थकों को एकजुट करने में जुटी है। राजे अपने समर्थक पूर्व मंत्रियों व विधायकों से लगातार संपर्क में हैं। वे अगले माह से जिला स्तर के नेताओं के साथ संवाद स्थापित करेंगी। उनके विश्वस्त पूर्व मंत्री युनूस खान, कालीचरण सराफ, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और विधायक प्रताप सिंह सिंघवी अपने खेमे के नेताओं की सूची तैयार करने में जुटे हैं। वसुंधरा राजे नवंबर में अपने समर्थक नेताओं व कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद करेंगी। इसके बाद दिसंबर से जिलों का दौरा करेगी। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली से जयपुर पहुंचीं वसुंधरा राजे से पिछले एक सप्ताह में एक दर्जन विधायकों व पूर्व मंत्रियों ने मुलाकात की है। इन पूर्व मंत्रियों व विधायकों ने वसुंधरा राजे को हर परिस्थिति में साथ रहने का वादा किया है। वसुंधरा राजे से मुलाकात करने वालों में आदिवासी बहुल उदयपुर संभाग के नेताओं की संख्या अधिक है।