जयपुर। महामारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच बेलगाम महंगाई ने आम जनता का हाल बेहाल कर रखा है। नौकरी गंवाने और कारोबार बंद होने के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे लाखों परिवारों के सामने रसोई का बजट संभालना मुश्किल हो रहा है। बीते एक साल में जरूरी खाद्य सम्रागी की कीमतों में 40 से लेकर 100 फीसदी का उछाल आया है। सबसे ज्यादा तेजी सरसो के तेल में दर्ज की गई है। वहीं, तेल कंपनियां हर दूसरे दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर रही है। लगातार तेल कीमतों में वृद्धि होने से जनता परेशान होने लगी है।

आज फिर बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम
कोरोना काल में सिर्फ खाद्य वस्तुएं ही नहीं बल्कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की ऊंची कीमत ने भी बोझ बढ़ाने का काम किया है। देश में कई जगह पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल चुकी है। गुरूवार को फिर से तेल कपंनियों ने पेट्रोल पर 28 पैसे और डीजल पर 7 पैसे बढ़ा दिए है। बढ़ती तेल कीमतों के कारण महंगाई भी लगातार बढ़ रही है। महंगाई ने जनता का तेल निकाल दिया है। जून के महीने में 24 दिनों में 13 बार पेट्रोल व डीजल के भाव बढ़े है।

जयपुर में पेट्रोल 104.53 रुपए प्रति लीटर
जयपुर में पेट्रोल के रेट्स अब 104.53 रुपए प्रति लीटर व डीजल 97.42 रुपए प्रति लीटर हो चुके हैं। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले दिनों तेल की कीमतें में और बढ़ोतरी होने की बात कही थी। डीजल प्रीमियम की बात करें तो गंगानगर में 105.35, हनुमानगढ़ में 104.50, सवाईमाधोपुर में 102.42 रुपए हो चुके हैं तो सामान्य डीजल के रेट भी गंगानगर, हनुमानगढ़ में सौ रुपए से ऊपर हो चुके हैं। डीजल कई जिलों में सौ रुपए के नजदीक हो गया है।

पेट्रोल 8.02 रुपए व डीजल 8.14 रुपए हुआ महंगा
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों की घोषणा तीन मई को हुई थी। इससे पहले डेढ़ महीने तक तेल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। चुनाव परिणाम होने के बाद तेल के दामों में बढ़ोतरी शुरू हो गई। 3 मई को जयपुर में पेट्रोल 96.77 रुपए प्रति लीटर, जबकि डीजल 89.20 रुपए प्रति लीटर था। 24 मई को पेट्रोल के रेट 104.53 व डीजल 97.42 रुपए हो गए हैं। ऐसे में पेट्रोल पर 8.02 रुपए महंगा हो गया है। वहीं, डीजल भी अब तक 8.14 रुपए महंगा हो चुका है। तेल कंपनियां हर दूसरे दिन तेल के दामों में बढ़ोतरी कर रही हैं।

बेलगाम महंगाई ने बिगाड़ा घर का बजट
पिछले दो तीन माह से सरसों का तेल और रिफाइंड के दामों में हुई बढ़ोत्तरी से रसोई का जायका बिगड़ गया है। पहले जिन घरों में पांच से छह लीटर सरसों के तेल की खपत थी। अब उन घरों में दो से तीन लीटर तेल में ही काम चलाया जा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि खाद्य तेल और दालों की कीमतों में उछाल का कारण फसल प्रभावित होने के साथ डीजल के दामों में वृद्धि होना है, क्योंकि डीजल मूल्य बढ़ने से भाड़ा बढ़ा है। इसलिए महंगाई का एक कारण यह भी है।