कांग्रेस की तमाम योजनाओं के बावजूद भी कांग्रेस चुनाव हार गयी। अशोक गहलोत द्वारा दी गयी 7 योजनाओं की गांरटी पर लोगों ने विश्वास नहीं किया। कांग्रेस ने झूठ बोलकर अपने पक्ष में लहर पैदा करने की कोशिश की, लोगों ने अशोक गहलोत सरकार को सत्ता से हटाने का फैसला किया। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भी झूठे वादे कर के सत्ता हासिल की थी। लेकिन इस बार जनता ने इनके झूठे वादों के दरकिनार कर दिया।

2018 में कांग्रेस झूठ बोलकर सत्ता में आई और किसानों के कर्ज भी माफ नहीं किए। पिछले 5 सालों में 19 बार पेपर लीक हुए। लाखों बेरोजगारों का सरकारी नौकरी का सपना पुरा नहीं हो पाया है। चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र को जनता ने झूठ का पुलिंदा करार दिया। कांग्रेस के शासन में प्रदेश रेप कैपिटल बन गया, किसानों की जमीनें नीलाम हुई और युवाओं से पेपर लीक के नाम पर छलावा हुआ।

कांग्रेस पार्टी ने 2018 में भी घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें कांग्रेस पार्टी ने जो वादे और घोषणा किए। उनमें से एक भी पूरा नहीं किया। कांग्रेस ने किसानों के लिए जो वादे किए। उसमें कहा था कि 10 दिन में किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ करेंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें नीलाम हो गयी। सैंकड़ो किसानों ने कर्ज से तंग होकर आत्महत्या कर ली।

किसानों को फसल खराबे का मुआवजा देने की बात कही गयी थी। लेकिन कोई मुआवजा नहीं दिया गया। कांग्रेस ने किसानों की फसल का उचित मूल्य दिलवाने का वादा भी किया था लेकिन राजस्थान के किसानों को बाजरा बेचने के लिए हरियाणा जाना पड़ा। वृद्ध किसानों को पेंशन देना, किसानों को कृषि कार्य हेतु बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना, गुणवत्तायुक्त बिजली उपलब्ध कराने का वादा भी पूरी तरह खोखला निकला।

कांग्रेस ने स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने का वादा 2018 के घोषणा पत्र में किया था। जिसमें पंचायत स्तर पर मेडिकल मोबाइल वैन चलाने की बात कही गई थी। इसके बाद वैन की खरीद भी की गई। लेकिन मोबाइल वैन नहीं चल पाई। अधिकांश वैन राजधानी जयपुर में धूल फांक रही हैं।

राजस्थान को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का वादा किया था। बिजली की दरें नहीं बढ़ाने का वादा किया था। राजस्थान में सबसे महंगी बिजली है। 24 घंटे बिजली देने का वादा भी पूरी तरह झूठा साबित हुआ। संविदा कर्मियों को नियमित करने का जो वादा कांग्रेस द्वारा किया गया था। वह भी पूरी तरह खोखला निकला। ग्रामीण बस सेवा का विस्तार कर लोगों को सस्ते दर पर ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मिल सके। इसका भी वादा किया गया था लेकिन यह वादा भी खोखला साबित हुआ।

बजरी खनन रोकने, पार्किंग व्यवस्था का समाधान करने का वादा किया था, लेकिन किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया। प्रदेश का युवा आज नशे और ड्रग्स की लत में जकड़ा जा चुका है। लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं था। महिला सुरक्षा और बाल संरक्षण की दिशा में काम करेंगे। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 24 घंटे हेल्प कॉल सेंटर की स्थापना करेंगे। जबकि आज ये सेंटर कहीं भी अस्तित्व में नहीं है। राजस्थान में 35 हजार महिलाओं के साथ बलात्कार हुए 15 हजार से ज्यादा नाबालिगों के साथ दरिंदगी की गई। सैकड़ो की हत्या की गई। लेकिन सरकार महिलाओं की सुरक्षा में पूर्ण रूप से विफल रही है।

प्रदेश की जनता भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ निर्णायक लड़ाई लड़ने के मूड में दिखी। जनता बीजेपी के पक्ष में मतदान करके कांग्रेस की झूठी सरकार का पर्दाफाश किया।