जयपुर। राजस्थान में लगातार बारिश और आंधी का कहर जारी है। आज भी बारिश का कहर कई जिलों में देखने को मिला। प्रदेश के कई जिलों में तूफानी बारिश के बाद अलग-अलग जिलों में जानमान का काफी नुकसान हुआ है। प्रदेश में आए तूफान से हताहत हुए लोगों की सहायता के लिए पक्ष—विपक्ष के किसी नेता ने आवाज नहीं उठाई। लेकिन प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ना सिर्फ पीड़ितों से बात की बल्कि कांग्रेस सरकार के समक्ष उनका पक्ष रखकर आर्थिक सहायता की भी मांग की। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मृतकों के परिवार को पांच—पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया।

राजे ने मृतक परिवार के प्रति जताई संवेदना
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बारिश और तूफान से प्रभावित पीड़ितों के लिए आवाज उठाई। राजे ने ट्विटर पर लिखा, पिछले दो दिनों में राजस्थानभर में आए भीषण तूफान के बाद विभिन्न क्षेत्रों से नुकसान की सूचनाएं मिलीं। टोंक सहित कई जिलों में एक दर्जन से अधिक लोगों की मृत्यु का हृदयविदारक समाचार भी है। कई जगह मवेशियों पर पेड़ गिरे हैं, कहीं विद्युत पोल गिरने से बिजली गुल है, तो कहीं टीन शेड एवं छप्पर को क्षति पहुंचने से आमजन परेशान हैं।

पूर्व सीएम ने उठाई पीड़ितों की आवाज
राजे ने आगे लिखा, मैं ईश्वर से दिवंगतों की आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना करती हूं। राज्य सरकार से अनुरोध है कि प्रभावित क्षेत्रों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें तथा पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करें। इसे अलावा पूर्व सीएम ने प्रभावित लोगों से बातचीत भी की और मदद का आश्वासन भी दिया।

 

गहलोत ने किया आर्थिक सहायता का ऐलान
वसुंधरा राजे द्वारा आवाज उठाए जाने के बाद मुख्यमत्री अशोक गहलोत हरकत में आए। दूसरे दिन यानी शनिवार को आर्थिक सहायता देने को ऐलान किया। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, प्रदेश के कई जिलों में आए आंधी, तूफान व बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। राज्य सरकार पीड़ितों की हरसंभव सहायता करेगी। इस आपदा में जान गंवाने वाले सभी मृतकों की आत्मा की शांति की कामना करता हूं। सभी मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये सहायता राशि दी जाएगी।

तूफान और बारिश से 17 लोगों की मौत
प्रदेश में बीते दिनों से लगातार बारिश और आंधी का कहर जारी है। प्रदेश के कई जिलों में तूफानी बारिश के बाद अलग-अलग जिलों में जानमान का काफी नुकसान हुआ है जहां अब तक प्रदेश में 17 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। अकेले टोंक में बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है जहां 12 लोगों की मौत हो गई। वहीं धौलपुर, जयपुर और दौसा जिलों में भी एक-एक व्यक्ति की जान चली गई।

96 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चली हवा
प्रदेश में बीते शुक्रवार को आए तूफान में 96 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवा चली जिसके बाद कई इलाकों में बिजली चली गई। सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। आधी रात को आए तूफान के दौरान लोग घरों में सो रहे थे। सोते हुए कुछ लोगों की आंखें हमेशा के लिए बंद हो गई। सैकड़ों पशु-पक्षी भी मृत पाए गए हैं। कई जिलों में बिजली पोल गिरने और ट्रांसफार्मर खराब होने से शुक्रवार को बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो सकी। सैकड़ों मकान और पेड़ गिर गए।

तूफान से किस जिले में कितनी मौतें
– टोंक जिले में में 10 हादसे में दादा, पोता-पोती समेत 12 की मौत।
– बीकानेर: पांच साल की बच्ची सहित दो की मौत।
– दौसा और बूंदी में एक-एक महिला की मौत।
– जयपुर के आमेर में दीवार ढहने से एक महिला की मौत।
– चूरू जिले के छापर कस्बे के होलीधोरा स्थित अम्बेडकर भवन परिसर में लगभग 350 तोतों की मौत हो गई है।

बिजली तंत्र को करोड़ों का नुकसान
जयपुर में 150 पेड़ उखड़े, 2248 पोल टूटे, 546 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त, 7.50 करोड़ का नुकसान। सीकर और चूरु जिले में 90 खंभे टूट गए। बूंदी में जिले के 391 गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित रही। 88 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए। एक करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर 8 घंटे ठप रहा
कोटा में गुरुवार रात को आई तेज आंधी से दिल्ली मुंबई-रेल मार्ग पर केशवरायपाटन और कापरेन के बीच अरनेठा स्टेशन के निकट 25000 किलो वाट का तार टूट गया। इससे दिल्ली-मुंबई रूट पर यातायात करीब 8 घंटे तक बाधित रहा।