धौलपुर के राजाखेड़ा के समीप महंगाई राहत शिविर की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को घेरने के लिए दिया गया बयान। कहने को तो गहलोत का यह बयान राजे और उनके गुट द्वारा उनकी लोकतांत्रिक सरकार को गिराने की साजिश का विरोध करने की तारीफ से भरा था, लेकिन सच तो यह है कि तारीफ के बहाने गहलोत ने वसुंधरा राजे के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े धड़े को बोलने का मौका दे दिया। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ पार्टी के कैडर में वसुंधरा को नुकसान पहुंचाने के लिए यह बयान दिया गया। इसलिए माना जा रहा है कि यह बयान सोची समझी रणनीति के तहत दिया गया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक चुनावी साल में अगर आलाकमान ने राजे को आगे नहीं बढ़ाया तो गहलोत को इसमें राजनीतिक फायदा नजर आ रहा है।

भाजपा में राजे विरोधी खेमा गहलोत के बयान को भुनाने की कोशिश कर रहा

यह बयान ऐसे समय में दिया गया है जब आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से लेकर कांग्रेस के युवा तुर्क सचिन पायलट तक हर कोई गहलोत और राजे के बीच बीस साल से चली आ रही कथित राजनीतिक खींचतान पर सवाल उठा रहा है।सवाल उठाने वालों में गैर बीजेपी वाले मुखर हैं तो बीजेपी में मौजूद राजे विरोधी नेता ऊपर तक यही आरोप दोहरा रहे हैं। भाजपा में राजे विरोधी खेमा गहलोत के बयान को भुनाने की कोशिश कर रहा है। सीएम अशोक गहलोत ने मानेसर के बहाने धौलपुर में सचिन पायलट और उनके गुट पर सीधा निशाना साधा। लेकिन उन्होंने राजनीतिक अंदाज में तारीफ करते हुए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को अपनी ही पार्टी में संदिग्ध बनाने की कोशिश की।

सचिन पायलट खेमे को अमित शाह को पैसे लौटाने की सलाह दी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत पर सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपये देने का आरोप लगाकर रही सही कसर पूरी कर दी। अशोक गहलोत ने सचिन पायलट खेमे पर बगावत के दौरान बीजेपी से करोड़ों रुपये लेने के आरोपों को दोहराया है। साथ ही अमित शाह को पैसे लौटाने की सलाह दी है। गहलोत ने कहा- उस वक्त हमारे विधायकों को 10 से 20 करोड़ रुपये बांटे गए थे। वह पैसा अमित शाह को वापस किया जाना चाहिए। अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत ने मिलकर हमारी सरकार को गिराने की साजिश रची। राजस्थान में विधायकों को पैसे बांटे गए। ये लोग पैसा वापस नहीं ले रहे हैं। मैं चिंतित हूं, वे पैसे वापस क्यों नहीं ले रहे हैं? यह पैसा वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं?

वसुंधरा राजे को चुनावी मैदान में आगे नहीं कर दे

सवाल यह है कि अब तक पायलट पर हमलावर रहे गहलोत ने वसुंधरा के खिलाफ गुगली कैसे की? इसका जवाब है कर्नाटक के संभावित चुनाव परिणाम। तमाम चुनावी सर्वे कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावनाओं को रेखांकित कर रहे हैं और बीजेपी के हाथ से सत्ता फिसलने के साफ संकेत दे रहे हैं। ऐसे में गहलोत को लगता है कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की टीम, जो अब तक वसुंधरा राजे से परहेज करती रही 2023 और 2024 के चुनाव को देखते हुए फिर से वसुंधरा राजे को चुनावी मैदान में आगे नहीं कर दे।

वसुंधरा को मोदी-शाह की नजरों में संदिग्ध बनाने के लिए की तारीफ

इसलिए गहलोत ने वसुंधरा को मोदी-शाह की नजरों में और ज्यादा संदिग्ध बनाने के लिए उनकी तारीफ के बहाने उन पर छिपा हुआ हमला किया है। ऐसा नहीं है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अब गहलोत को चुभ रही हैं। सचिन पायलट भी अगले चुनाव में गहलोत और वसुंधरा राजे को प्रतिद्वंद्वी मानते हुए दोनों पर तीखे हमला करते रहे हैं।

क्या कभी दूध और नींबू रस आपस में मिल सकते हैं- राजे

वसुंधरा राजे भी गहलोत सरकार के बयानों का कई बार स्पष्ट जबाव देते हुए कहा है- कई लोग जानबूझ कर एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं कि वो तो मिले हुए हैं, उनमें तो मिलीभगत है। जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे रोज-रोज अमर्यादित भाषा सुनने को मिलती हो, उनसे मिलीभगत कैसे संभव है। क्या कभी दूध और नींबू रस आपस में मिल सकते हैं?

विधायकों की खरीद-फरोख्त में तो अशोक गहलोत महारथी है- राजे

वसुंधरा राजे ने कहा- विधायकों की खरीद-फरोख्त की जहां तक बात है, इसके महारथी तो खुद अशोक गहलोत हैं। जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के कारण ऐसा किया था। उस वक्त न भाजपा को बहुमत मिला था और न ही कांग्रेस को। हम भी सरकार बना सकते थे, पर यह भाजपा के सिद्धांतों के खिलाफ था। इसके विपरीत गहलोत ने विधायकों को खरीद कर दोनों समय सरकार बनाई थी। राजे ने विधायकों के खरीद फरोक्त के आरोपों पर जवाब देते कहा था की रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध हैं। यदि कांग्रेस के विधायकों ने पैसा लिया है, तो FIR दर्ज करवाएं। सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बगावत और कम होते जनाधार के कारण बौखलाहट में गहलोत ने ऐसे अमर्यादित और झूठे आरोप लगाए हैं।

राजे ने गहलोत पर निशाना साधते हुए उनकी तारीफ को षड्यंत्र बताया

अभी हाल ही में राजे ने कहा- जीवन में मेरा जितना अपमान गहलोत ने किया, और कोई कर ही नहीं सकता। वे 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहे हैं। जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है। राजे ने गहलोत पर निशाना साधते हुए उनकी तारीफ को षड्यंत्र बताया है। राजे ने रविवार देर रात लिखित बयान जारी कर कहा- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया है, जिनकी ईमानदारी और सत्य निष्ठा सब जानते हैं।

अशोक गहलोत वसुंधरा राजे से इतना डरे हुए हैं कि हमला भी कर रहे हैं तो तारीफ के अंदाज में

पायलट जानते हैं कि सीएम अशोक गहलोत भले ही सार्वजनिक रूप से उनके जितने लोकप्रिय न हों, लेकिन जनता की अपील के मामले में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे उन्नीस नहीं, इक्कीस हैं। चुनावी चौसर बिछ गयी है और राजे को इस बिसात से बाहर करने की प्रक्रिया में हर किसी के निशाने पर वसुंधरा राजे है। ऐसे में सवाल यही रहता है – “मोदी-शाह की टीम चुनावी जरूरतों के लिहाज से राजे पर भरोसा करेगी या नहीं” एक जरूरी सवाल यह है कि क्या अशोक गहलोत वसुंधरा राजे से इतना डरे हुए हैं कि हमला भी कर रहे हैं तो तारीफ के अंदाज में।