जयपुर। राजस्थान के सियासी संकट का कोई रास्ता निकलता नहीं दिख रहा। सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने विधायकों के अयोग्यता नोटिस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर पिटीशन वापस ले ली। उनके वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि इस मामले में अभी सुनवाई की जरूरत नहीं। जरूरत पड़ने पर हम दोबारा तैयारी के साथ आएंगे। पायलट खेमे की याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सिब्बल ने कहा कि गत 24 जुलाई को 32 पन्नों का आदेश सुनाया गया था, जिसमें संविधान की 10वीं अनुसूची की व्याख्या सहित कई सवाल खड़े किये गये हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें कानूनी विकल्प पर विचार करना है कि आगे क्या करना है।‘ न्यायालय ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी।

राज्यपाल ने सत्र बुलाने की फाइल दूसरी बार लौटाई
इस बीच राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र बुलाने की फाइल दूसरी बार लौटा दी है। खबरों के अनुसार, राज्यपाल ने कहा है कि कोरोना के बीच विधायकों को सदन में बुलाना मुश्किल होगा। राज्यपाल ने सरकार से पूछा है कि क्या आप विश्वास मत प्रस्ताव चाहते हैं? इस बात का जिक्र आपके पत्र में नहीं है, लेकिन मीडिया में आप ऐसा ही बोल रहे हैं। साथ ही पूछा कि क्या आप सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस देने पर विचार कर सकते हैं?

अभी कुछ भी तय नहीं
अब राज्य सरकार को राजभवन की ओर से मांगी गई जानकारियां उपलब्ध करानी होगी। उसके बाद ही विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। फिलहाल विधानसभा का सत्र बुलाया जायेगा या नहीं इसका फैसला होने में अभी कुछ और समय लग सकता है। इस बीच कांग्रेस ने आज राजभवन के घेराव के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। उसके स्थान पर कांग्रेस आज होटल फेयरमोंट में ही सभा करेगी। इस सभा में सीएम अशोक गहलोत समेत जयपुर में डेरा जमाये बैठे पार्टी के दिग्गज नेता और कांग्रेस तथा उसके समर्थक विधायक शामिल होंगे। ‘लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ’ अभियान के तहत आयोजित होने वाली इस सभा में अन्‍य नेता भी जुटेंगे।