जयपुर। राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से कानून व्यवस्था की स्थिति खराब चल रही है। बीते दिनों प्रदेश के नागौर और बाड़मेर सहित कई जिले से आ रही घटनाओं के बाद इस मुद्दे पर अशोक गहलोत सरकार घिर गई है। विपक्षी ने विधानसभा और विधानसभा के बाहर कांग्रेस सरकार को लगातार इस मुद्दे पर ​घेरा है। प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था काे लेकर एक प्रतिष्ठित अखबार को दिए साक्षात्कार में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार का पक्ष रखा है।

दिल्ली की भी हालात खराब
धारीवाल ने माना कि प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब हुई है। उन्हाेंने यह तर्क भी दिया कि यह केवल राजस्थान की ही समस्या नहीं है, अन्य प्रदेशाें की भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। उन्हाेंने कहा दिल्ली में ताे पुलिस का नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथ में है, फिर भी हालात खराब हैं। देश में बढ़ती सांप्रदायिकता की वजह से प्रदेशों में ऐसे हालात पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसी की भी हाे अधिकारी वहीं हैं, उन्हीं से काम लेना पड़ता है। आईएएस व आईपीएस के तबादले करने के बाद सूचियां संशाेधित हाेती हैं।

मिलकर काम कर रहे है सीएम और डिप्टी सीएम
प्रदेश में सरकार दो धड़ों में काम कर रही सवाल पर धारीवाल ने जवाब तक कि यह भाजपा के लाेगाें की फैलाई अफवाह है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट दाेनाें मिलकर काम कर रहे हैं, विभिन्न याेजनाओं के बारे में बात करने के लिए दिल्ली जाना पड़ता है, दाेनाें में काेई विराेधाभास नहीं है।

केंद्र सरकार को कोसा
प्रदेश के विकास पर बात करते हुए धारीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार हमारा शेयर नहीं दे रही। हालात यह है कि केन्द्र सरकार की याेजनाओं में केन्द्र का शेयर 75 प्रतिशत हाेता था, लेकिन केन्द्र सरकार ने वर्ष 2014 में उसे 50-50 प्रतिशत कर दिया। अब राज्य सरकार काे 75 प्रतिशत शेयर देना हाेता है। राजस्थान के साथ ताे पूरा असहयाेग है। जीएसटी व सीएसटी का भुगतान नहीं दिया जा रहा।