बीकानेर। नब्बै बसंत देख चुकी वरिष्ठ साहित्यकार एवं आदर्श शिक्षिका श्रीमती लोकेश झा का बुधवार को करणी नगर में नागरिक अभिनंदन किया गया। नवकिरण सृजन मंच,शब्द रंग साहित्य एवं कला संस्थान और मुक्ति संस्था के तत्वावधान में आयोजित इस अभिनंदन समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी थे।

समारोह की अध्यक्षता संपादक-व्यंगकार डॉ. अजय जोशी ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजेन्द्र जोशी ने कहा कि लोकेश झा की रचनाओं में सामाजिक सरोकार की बानगी मिलती है, जोशी ने कहा की झा की कविताओं एवं कहानियों में बेजोड़ शिल्प एवं पठनीयता है। उनकी रचनाओं में महादेवी वर्मा एवं मैथिलीशरण गुप्त की छाया एवं प्रभाव देखने को मिलता है। जोशी ने कहा कि श्रीमती लोकेश झा अपने उपन्यासों के कथानक के कारण सदैव चर्चा में रही है, “बीहड़ में सपना” एवं “गलियारा” उनके बेहतरीन उपन्यास है,इनकी भाषा शैली पाठक को आकृष्ट करती है।उन्होंने कहा कि झा लोक कथाओं के माध्यम से अपने पाठकों के मन में  घर बना लेती है ,उनका सम्मान होना नौ दशक की यात्रा का सम्मान होना है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. अजय जोशी ने कहा श्रीमती लोकेश झा रचनाकार के साथ एक आदर्श शिक्षिका भी है उनकी कहानियों में वे चरित्र आसपास से उठाती  नजर आती है। उनकी भाषा जहां एक तरफ स्तरीय हैं वहीं संप्रेषणीय भी है।डॉ जोशी ने कहा कि लोकेश झा का पूरा परिवार ही साहित्य एवं कला को समर्पित है।

इस अवसर पर श्रीमती लोकेश झा को अभिनंदन पत्र भेंट किया गया, अभिनंदन पत्र का वाचन करते हुए कवि कथाकार और संस्कृतिकर्मी  राजाराम स्वर्णकार ने  कहा कि लोकेश झा का सृजन बहुआयामी है। उम्र के इस पड़ाव पर भी आप निरंतर सृजन कर रही है। इस अवसर पर अतिथियों ने श्रीमती लोकेश झा को अभिनंदन पत्र, स्मृति चिन्ह, श्रीफल एवं शॉल भेंट कर अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन गिरिराज पारीक ने किया तथा श्रीमती झा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर डॉ. नासिर जैदी ने पत्र वाचन किया। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ रंगकर्मी सीए परितोष झा ने सभी के प्रति आभार प्रदर्शन किया।