कोटा, 1 मई। समझ संसद की प्रतियोगिता के विजेता बूंदी जिले के छात्रों ने सोमवार को संसद भवन देखा। लोक सभा, राज्य सभा, केंद्रीय कक्ष और संसद के गलियारे जिन्हें अब तक उन्होंने टीवी में देखा था, उन्हें आंखों के सामने देख बच्चों ने इसे सपने के सच होने जैसा अनुभव बताया। इस अविस्मणीय अनुभव को हासिल करने का अवसर देने के लिए उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का आभार भी जताया।

बूंदी जिले के विभिन्न आयु वर्ग के करीब 106 विद्यार्थी रविवार को सोगरिया-नई दिल्ली एक्सप्रेस से कोटा से रवाना हुए थे। यह विद्यार्थी सुबह करीब 10 बजे जब संसद भवन के प्रवेश द्वार के बाहर पहुंचे तो संसद भवन की विशालता और भव्यता ने उन्हें चकित कर दिया। बच्चों में जल्द से जल्द संसद में प्रवेश करने का उत्साह नजर आया।

बच्चों ने सबसे पहले संसद भवन का पुस्तकालय देखा। यह पुस्तकालय विश्व के प्रमुख पुस्तकालयों में एक है। यहां पुस्तकों का विशाल संग्रह और प्राचीन पुस्तकों ने विद्यार्थियों को रोमांचित कर दिया। इसके बाद बच्चों ने लोक सभा, राज्य सभा और केंद्रीय कक्ष भी देखा। केंद्रीय कक्ष में यह विद्यार्थी उसी जगह बैठे जहां संविधान निर्माण प्रक्रिया के दौरान महान नेताओं ने बैठक चर्चा-संवाद किया था।

विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

संसद भ्रमण पर गए विद्यार्थियों ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी भेंट की। इन विद्यार्थियों से संवाद करते हुए बिरला ने कहा कि यह वहीं संसद भवन है जहां बाबा साहब अंबेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महान नेताओं ने बहुत लंबा समय बिताया। उनका ज्ञान और अनुभव यहां हुई समृद्ध चर्चाओं में झलकर जिससे भारत के नवनिर्माण की राह प्रशस्त हुई। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न का उल्लेख करते हुए बिरला ने अब जब अमृतकाल में हम विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो उस संकल्प की सिद्धी में युवाओं को अहम भूमिका निभानी होगी।

राज्य सभा और लोक सभा के रंग अलग क्यों

संसद के भ्रमण के दौरान इन विद्यार्थियों ने अनेक ऐसी चीजें नोटिस की जिन्होंने उनकी जिज्ञास देखी। विद्यार्थियों ने राज्य सभा में कालीन और बैठने की जगह का रंग लाल और लोक सभा में हरा क्यों हैं। सेंट्रल हॉल में बने गुम्बद की ऊंचाई कितनी है, संसद के वर्तमान भवन का निर्माण कब हुआ था जैसे अनेक प्रश्न विद्यार्थियों ने पूछे। विद्यार्थियों ने संसद परिसर में जगह-जगह लगार्ठ गई महान नेताओं की प्रतिमाओं को भी देखा।

समर स्मारक पर वीरों को किया नमन

संसद भवन के साथ इन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय समर स्मारक और इंडिया गेट देखने का भी मौका मिला। समर स्मारक में इन विद्यार्थियो ने देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को डिजिटल माध्यम से श्रद्धासुतन अर्पित किए। इन वीरों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की। इंडिया गेट पर रात की रोशन में इन विद्यार्थियों ने फोटो खिंचवाए।

विवेकानंद दल के विद्यार्थी हुए रवाना

समझ संसद की प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को दूसरा दल सोमवार शाम को सोगरिया-नई दिल्ली एक्सप्रेस से रवाना हुआ। बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए वरिष्ठ समाज सेवी और कोटा उपभोक्ता होलसेल भण्डार लि के अध्यक्ष हरिकृष्ण बिरला ने कहा कि वे संसद भवन को देखने के साथ वहां का गौरवशाली इतिहास जानने का भी प्रयास करें। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से जो स्वर्णिम अवसर मिला है, उसका पूरा लाभ उठाएं।

लोक सभा, राज्य सभा और सेंट्रल हॉल को देख कर एक रोमांचित कर देने वाली अनुभूति हुई। इसके बारे में हम अपने दोस्तों और परिवारों को भी बताएंगे। यज्ञेश, सुवांसा

संसद भवन में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हमें लोकतांत्रिक मूल्यों का ज्ञान देते हुए नए भारत के निर्माण में योगदान देने का प्रेरित किया। यह काफी उत्साहवर्धक अनुभव रहा। वैभव गोठवाल, बूंदी

संसद को इतनी आसानी से देख पाना और यहां के कार्यों व व्यवस्थाओं को जानने का यह अनुभव हम कभी नहीं भूल पाएंगे। इसके लिए हम लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का आभार व्यक्त करते हैं। निर्भय जैन, आदर्श विद्या मंदिर नैनंवा रोड