जयपुर। राजस्थान में बढ़ रहे अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से अपराध चरम पर है। प्रदेश में महिलाएं, बच्चियों कहीं भी सुरक्षित नहीं है। व्यापारी और आम लोगों के साथ-साथ साधु संतों को भी बदमाश अपना निशाना बना रहे हैं। प्रदेश में कुचामन जिले में एक और संत की हत्या कर दी गई। डीडवाना कुचामन जिले में एक संत की चाकू मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है। सोमवार को सुबह जब लोग आश्रम पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर लोग हक्के बक्के रह गए। आश्रम में संत मोहन दास का शव फर्श पर देखकर लोग सो गए 70 साल के संत के हाथ और पैर रस्सी से बंधे हुए थे।

हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे, मुंह-आंखों पर भी पट्टी
यह मामला कुचामन थाना क्षेत्र के रसाल गांव में स्थित हरिराम बाबा की बगीची का है। सोमवार सुबह करीब 8 बजे नर सिंह (30) नाम का श्रद्धालु बगीची में आया। उसने संत को आवाज लगाई तो वो नहीं मिले। इसके बाद वह मंदिर के पीछे बरामदे की तरफ गया तो वहां उसे मोहन दास का शव बिस्तर के पास फर्श पर पड़ा मिला। हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे। मुंह और आंखों पर भी पट्टी बंधी थी।

फर्श पर बिखरा था खून
नर सिंह ने देखा कि वहां शव के पास ही खून बिखरा हुआ था। उसने तुरंत ग्रामीणों को सूचना दी। इसके बाद ग्रामीण जुटे और पुलिस को सूचना दी गई। करीब 8.30 बजे पुलिस वहां पहुंची। पुलिस ने मोहन दास के शव को राजकीय अस्पताल की माॅर्च्युरी में रखवाया। मोहन दास के परिजनों ने पुलिस को रिपोर्ट दी है।

आश्रम में रात में अकेले थे संत
मोहन दास के भतीजे त्रिलोक राम ने पुलिस को बताया कि रविवार रात 8 बजे तक मोहन दास ग्रामीणों के साथ बातचीत कर रहे थे। इसके बाद वह सोने के लिए अपने कमरे में चले गए। ग्रामीण भी बगीची से अपने घर की ओर चले गए। आश्रम में रात में उनके अलावा कोई नहीं था।

पत्नी और 4 बच्चें के साथ रहते थे संत
बीते 14 साल से मोहन दास रसाल गांव के बाहरी इलाके में स्थित हरिराम बाबा की बगीची के भैरूबाबा के मंदिर में सेवा कर रहे थे। उनके परिवार में पत्नी, 3 बेटे और 1 बेटी है, जो गांव में रहते हैं। मोहन दास रात में अकेले ही आश्रम में रहते थे। दिन में दो चेले उनके साथ रहते थे, जो रात को गांव की गोशाला में सोने चले जाते हैं। सुबह 8 से शाम 8 बजे तक आश्रम में गांव और आस-पास के लोगों का आना-जाना लगा रहता था। रविवार रात को भी मोहन दास आश्रम में अकेले ही थे।

परिजनों ने शव लेने से किया इनकार
संत की मौत की खबर सुन कर आस-पास के गांव के लोग अस्पताल में माॅर्च्युरी के बाहर जुटने लगे। त्रिलोक राम और बाकी परिजनों ने आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करती है तब तक वो शव नहीं लेंगे।

जानिए पुलिस ने क्या कहा
डीडवाना-कुचामन जिला एसपी प्रवीण कुमार ने बताया- शुरुआती जांच में चोरी के मकसद से हत्या का मामला लग रहा है। संत के परिजनों ने शिकायत दी है। पोस्टमाॅर्टम के लिए शव को कब्जे में लिया है। फिलहाल आरोपियों के बारे में जानकारी नहीं है। जांच की जा रही है। जल्द ही खुलासा किया जाएगा।