जयपुर। राजस्थान में बिजली संकट से राहत मिलने के संकेत मिले हैं। पिछले कुछ दिनों से कोयला आपूर्ति कमी के कारण पूरे प्रदेश में बिजली संकट गहराया गया था। हालांकि कंपनियों का कहना है कि राज्य में जितनी बिजली की जरूरत है अब उसके मुकाबले कहीं ज्यादा उपलब्ध है। शहरों के साथ गांव में भी बिजली कटौती के फैसले को वापस ले लिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बारे में दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि दिवाली और ईद सहित त्योहारी सीजन में बिजली काटे नहीं जाएगी या फिर कम से कम कटौती होगी। पिछले दो दिनों में बिजली कटौती बिल्कुल बंद सी हो गई है। बिजली संकट के बीच यह बड़ी राहत की खबर है।

दिवाली मेंटेनेंस के कारण कहीं-कहीं बिजली बंद
हालांकि जानकारी यह है कि दिवाली की मेंटेनेंस के कारण अलग-अलग जिलों के कुछ इलाकों में बिजली बंद की जा रही है, लेकिन कंपनियों का कहना है कि बिजली की किल्लत के कारण कहीं पर भी कटौती नहीं की जा रही है। मेंटेनेंस या फॉल्ट के कारण कहीं बिजली जाती है, तो तुरंत सुधार होते ही वह चालू कर दी जाती है। यह किसी एरिया विशेष में ही होता है।

अब औसत मांग से ज्यादा हुई बिजली
ऊर्जा विभाग के एसीएस डॉ.सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 19 अक्टूबर को प्रदेश में बिजली की औसत उपलब्धता करीब 9926 मेगावॉट रही। वहीं औसत अनुमानित मांग 9773 मेगावॉट और अधिकतम मांग करीब 10500 मेगावॉट रही। उन्होंने बताया कि एक तरफ मौसम में बदलाव के कारण बिजली की मांग में कमी आ रही है, तो दूसरी तरफ प्रोडक्शन बढ़ाने के साथ डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने की कोशिश की जा रही है।

कोयले की 15 से बढ़कर 18 रैक आईं
बेहतर कॉर्डिनेशन और हाई लेवल की कोशिशों से सोमवार देर रात कोयले के 3 रैक ज्यादा डिस्पैच होकर कुल 18 रैक आई हैं। इससे पहले 2 दिन से कोयले की 15-15 रैक ही डिस्पैच हो पा रही थीं। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कोल इंडिया की सब्सिडियरी यूनिट एनसीएल से 3 रैक डिस्पैच हुई हैं। वहीं एसईसीएल से कोयले की 3 रैक रेलवे से और एक रैक रेल कम रोड वे से डिस्पैच हुई है।