जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बीते दिनों लाल डायरी दिखाकर सियासी हलचल मचाने वाले बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा एक बार फिर सुर्खियों में है। अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले बर्खास्त मंत्री और कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने शनिवार को शिंदे गुट वाली शिवसेना का दामन थाम लिया। उन्होंने महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे की उपस्थित में अपने पैतृक गांव गुढ़ा (नीमकाथाना) में पार्टी जॉइन की। उन्हें समन्वयक (कॉर्डिनेटर) की जिम्मेदारी दी गई है।

एकनाथ शिंदे ने गुढ़ा को दिलाई पार्टी की सदस्यता
अपने विवादित बयानों से हमेशा सुर्खियों में बने रहने वाले राजस्थान कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र गुढ़ा को शनिवार को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने पार्टी में शामिल किया। दरअसल गुढ़ा के बेटे शिवम का 18वां जन्मदिन मनाने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शनिवार को उदयपुरवाटी के गुढ़ा गांव पहुंचे जहां उन्होंने गुढ़ा को शिवसेना ज्वॉइन करवाई। इस दौरान शिंदे ने शिवसेना परिवार में गुढ़ा का स्वागत किया।

शिंदे बोले- गहलोत ने कहा था गुढ़ा के कारण सीएम हूं, उसी को बर्खास्त किया
कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र गुढ़ा का पार्टी में स्वागत करते हुए शिंदे ने इस मौके पर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के सीएम ने एक साल पहले यहीं पर कहा था कि गुढ़ा की वजह से मैं मुख्यमंत्री हूं लेकिन फिर उन्हें ही बर्खास्त कर दिया। शिंदे ने कहा कि इसका जवाब चुनावों में जनता देगी।

जनता देगी कांग्रेस सरकार को जवाब
महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त किया जिसका जवाब अब जनता देगी। क्योंकि आपने अपराध पर सवाल उठाया था, कोई गलती नहीं की जो आपने मंत्री पद त्यागा है, हमने भी आपकी तरह बाला साहेब के विचारों के लिए सत्ता छोड़ी थी। उन्होंने कहा कि आपने महिलाओं के लिए जनता की आवाज उठाई है जिसमें क्या गलती की, सच्चाई का साथ देना गुनाह है क्या।

लाल डायरी मामले में गुढ़ा को किया था बर्खास्त
आपको बता दें कि गुढ़ा को कांग्रेस सरकार ने लाल डायरी प्रकरण होने के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। हालांकि गुढ़ा को अभी तक पार्टी से बाहर नहीं निकाला गया है। वहीं गुढ़ा ने भी लाल डायरी पर अब एक अंतहीन चुप्पी साध रखी है।

विवादित बयानों के लिए जाने जाते है राजेंद्र गुढ़ा
हाल ही में राजेंद्र गुढ़ा ने एक और विवादित बयान दिया। राजेंद्र गुढ़ा उदयपुरवाटी बस स्टैंड पर जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने अपनी जाति से वोट लेने को नपुंसकता दूसरी जाति के वोट लेने को मर्दानगी बता दिया। साथ ही उन्होंने ये दावा भी किया कि 20-25 दिन में आचार संहिता लग जाएगी। उन्होंने कहा कि उसके बाद मैं ही वापस आऊंगा।

तत्काल गुढ़ा की विधायकी नहीं जाएगी
विधानसभा मामलों के एक्सपर्ट सुरेश कुमार जैन का कहना है कि राजेंद्र गुढ़ा के शिवसेना में शामिल होने के बावजूद तत्काल उनकी विधायकी नहीं जाएगी। राजेंद्र गुढ़ा दलबदल कानून के दायरे में आ गए हैं। इस कानून के तहत मेंबरशिप खत्म करने के लिए एक पूरा प्रोसेस है, जिसमें समय लगता है। पहले विधानसभा स्पीकर के पास दलबदल के तहत गुढ़ा को अयोग्य करने के लिए याचिका लगानी होगी। विधानसभा स्पीकर इस याचिका के बाद गुढ़ा को नोटिस जारी कर जवाब मांगेंगे।