जयपुर। कर्नाटक चुनाव में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त बीजेपी को करारी हार मिली। इस बार के बाद जहां विपक्षी पार्टी खासकर कांग्रेस के लिए आगे होवे वाले विधानसभा चुनावों के लिए नई उम्मीद जगी तो वहीं बीजेपी के लिए आगे की राह थोड़ी कठिन हो गई है। बीजेपी के लिए अब अगला चैलेंज राजस्थान है। इस बीच प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे की चर्चा हो रही है।

वसुंधरा राजे के बीच बीजेपी की राहे आसान नहीं
साल 2023 के अंत में यानी अब से 5 से 6 महीने बाद राजस्थान में विधानसभ चुनाव होने हैं। कांग्रेस में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट के बीच जंग छिड़ी हुई है। ऐसे में राजनीति के जानकारों को लगता है कि इसका फायदा BJP को मिल सकता है। राजस्थानी रिवायत के अनुसार सत्ता परिवर्तन के संकेत हैं। यानी BJP प्रदेश में वापसी कर सकती है। जानकारों का मानना है कि तीन बार रहीं सीएम वसुंधरा राजे के बिना बीजेपी की राहे आसान नहीं है। ऐसे में बीजेपी हाईकमान को आगामी चुाव में सीएम का चेहरा घोषित कर देना चाहिए।

राजे ही बीजेपी की मजबूती
पार्टी को कर्नाटक में स्थापित नेताओं का दरकिनार करने का दांव उलटा पड़ा है। ऐसे में राजस्थान को लेकर भी सुगबुगाहट और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, राजे ही बीजेपी की मजबूती हैं। पार्टी जातीय समीकरण से लेकर प्रमुख पदों पर एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखी रही है। पिछले कुछ समय से इसकी तस्वीर भी देखने को मिली है।

राजे को फ्रंटफुट पर लाने की तैयारी
विभिन्न गुटों में बंटे राजस्थान बीजेपी के नेता मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर मोर्चा खोले हुए है, लेकिन कर्नाटक चुनाव ने बीजेपी को अपनी रणनीति बदलने पर विवश कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषक कर्नाटक में बीजेपी की हार को वसुंधरा राजे को राहत के तौर पर मान रहे हैं। सूत्रों के अनुसार जेपी नड्डा के राजस्थान दौरे को इसी कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। जेपी नड्डा का 24 औऱ 25 मई को राजस्थान का दौर है।

चुनाव से पहले वसुंधरा को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
कर्नाटक में बीजेपी की हार का के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को चुनाव से पहले पार्टी बड़ा जिम्मेदारी दे सकती है। बीजेपी आलाकमान राजे की नाराजगी दूर करने के लिए यह सब सारी कवायद करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वसुंधरा राजे की अहमियत बढ़ेगी। बता दें वसुंधरा राजे के समर्थक सीएम फेस घोषित करने की मांग कर रहे है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राजस्थान में चुनाव से पहले वसुंधरा राजे को फ्रंटफुट पर लाने की तैयारी की जा रही है।

जनता चाहती है वसुंधरा राजे ही बनें मुख्यमंत्री
शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने कहा, राजस्थान में अगर फिर से सरकार पूर्ण बहुमत से बनानी है, तो राजे को राजस्थान की कमान सौंपनी चाहिए। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के राज में जनता दुखी हो चुकी है। हमने भी जनता के सामने आमसभा की है। जनता चाहती है कि इस भ्रष्ट तंत्र को उखाड़ फेंके और बीजेपी को नेतृत्व सौंपा जाए। उससे लगता है कि हमारे नेता तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं और राजस्थान की जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बनें।

वसुंधरा का प्रदेश में सबसे ज्यादा क्रेज
बीजेपी नेता और उद्योगपति मेघराज लोहिया ने कहा कि राजस्थान में सबसे ज्यादा क्रेज वसुंधरा राजे का है। राजस्थान की जनता में सबसे लोकप्रिय नेता भी वसुंधरा राजे ही हैं। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष जगत नारायण जोशी ने कहा कि राजस्थान में दो बार प्रचंड बहुमत से बीजेपी वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बना चुकी है। अगर केंद्रीय नेतृत्व सही निर्णय करे, तो प्रचंड बहुमत के साथ वसुंधरा राजे फिर से सरकार बना सकती हैं।

राजस्थान के नेताओं को बड़े पद
बीजेपी राजस्थान के नेताओं को बड़े पद दे रही है। केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को प्रमोट करके कानून मंत्री बनाना भी उसी रणनीति का हिस्सा हैं। वहीं, दूसरे नोताओँ की बात करें तो ओम बिरला (वैश्य) को स्पीकर, जगदीप धनखड़ (जाट) को उपराष्ट्रपति, कैलाश चौधरी (जाट) को केंद्र में मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत (राजपूत) को केंद्र में मंत्री, राजेंद्र राठौड़ (राजपूत) को नेता विपक्ष, सतीश पूनिया (जाट) को उपनेता सदन, अर्जुनराम मेघवाल (SC) को केंद्र में मंत्री, सीपी जोशी (ब्राह्मण) को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।