जयपुर। महामारी कोरोना वायरस के चलते 10 महीने से बंद राजस्थान में सोमवार को 30 हजार से ज्यादा स्कूल खुल गए। बच्चों के कदम पड़ते ही वीरान पड़े स्कूलों में रौनक लौट आई। बच्चे स्कूल जरूर पहुंचे, लेकिन सतर्कता के साथ। वहीं टीचर्स ने भी दिल से उनका स्वागत किया। वेक्सीन आने की वजह से स्कूल आए विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों में भी उत्साह नजर आया। शहर से लेकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वैसे पहले दिन बच्चों की संख्या भी कम थी इसमें पहला दिन होना और सर्दी का असर भी मुख्य कारण है।

दूर से ही कहा हैलो और हाय
सोमवार को स्कूल का नजारा बदला-बदला नजर आया। एंट्री गेट पर हाथ मिलाने और गले लगाने वाले स्टूडेंट्स दूर से ही एक-दूसरे को हैलो-हाय कहते नजर आए। टीचर्स भी लगातार बच्चों को एक-दूसरे से दूर रहने की सलाह देते रहे। फिलहाल, राज्य सरकार ने सिर्फ 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो फरवरी से कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों को भी स्कूल जाने की अनुमति दे दी जाएगी।

वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर की ये अपील
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, राजस्थान में आज से 9वीं से 12वीं कक्षाएं तथा कोचिंग संस्थाएं शुरू की जा रही है। मेरी सभी स्कूल संचालकों व छात्रों से अपील है। आपको यह बात कई लोगों ने कही होगी लेकिन मैं फिर एक बार दोहराऊँगी। मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन अवश्य करें।

कुछ कोचिंग संस्थाओं में अभी भी वैसी व्यवस्थाएं नहीं
कुछ कोचिंग संस्थाओं में अभी भी सोशल डिस्टेंसिंग समेत वैसी व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं। अलवर के एक कोचिंग संस्था में बच्चे एकदम सटे हुए बैठे दिखाई दिए। यहां छोटे से क्लासरूम में ही 100 प्रतिशत उपस्थिति की व्यवस्था संस्था ने कर दी। झुंझुनूं के एक स्कूल में बच्चे जैसे ही पहुंचे तो उन्होंने प्रणाम करके स्कूल में एंट्री की।।

इन प्रोटोकॉल का रखा गया ध्यान
कोविड-19 की गाइड लाइन के तहत स्कूल में किसी तरह से भीड़ न हो जाए। इस कारण 10 व 12 वीं के छात्र सुबह 9.30 बजे स्कूल बुलाया। इसके अलावा समस्त स्टॉफ को बच्चों को खुली जगह में बैठाने के निर्देश जारी किए गए जिसके तहत सरकारी स्कूलों में बाहर धूप में बिठाया गया। कोरोना गाइडलाइन के तहत सबसे पहले प्रोटोकाल नो मास्क नो एंटी पालन का है। यानी स्कूल में आने वाले सभी स्टूडेंट्स को मास्क पहनकर ही प्रवेश करना होगा। स्कूलों की एंट्री गेट और क्लास में प्रवेश करने से पहले सभी स्टूडेंट्स की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। उनके शरीर का तापमान चेक किया जाएगा। स्कूल पहुंचने वाले स्टूडेंट्स को पैरेंट्स का लिखित हस्ताक्षर युक्त सहमति पत्र लाना होगा। स्कूल के गेट पर ही इसे चेक किया जाएगा। इसके बाद ही क्लास तक जाने दिया जाएगा। स्कूल परिसर में प्रवेश करने पर 6 फीट की दूरी रखकर ही लाइन में खड़ा होना होगा। इसके लिए कई स्कूलों में एंट्री गेट से क्लास तक सर्किल बनाए गए हैं। स्कूलों में प्रवेश करने पर छात्र छात्राओं को हाथ सैनिटाइज करवाया जाएगा।