जो अशोक गहलोत और सचिन पायलट राजस्थान में सरकार बनने से पहले फ़सल की सरकारी ख़रीद को लेकर दहाड़े मार-मार कर कहते थे। कि वसुंधरा सरकार राजस्थान के किसानों की फ़सल को समय पर नहीं ख़रीदती है। आज वो ही माननीय मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत और माननीय उप मुख्यमंत्री श्रीमान सचिन पायलट चुप्पी साधे बैठे हैं। बात ही कुछ ऐसी है। पिछले 7 दिनों से राजस्थान में सीकर कलेक्ट्रेट के बाहर किसान प्याज़ की सरकारी ख़रीद की मांग को लेकर महापड़ाव पर बैठे हुये हैं। कल यानि मंगलवार को भी प्रदेश के हज़ारों किसानों ने सड़क पर उतर कर गहलोत सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। किसानों के साथ प्रदेश के कई माकपा विधायक और पार्टी नेता भी मौजूद थे।

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किसानों ने निकली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतीकात्मक शव यात्रा

विरोध कर रहे किसानों ने ऐलान किया। जब तक प्याज़ की सरकारी ख़रीद शुरू नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा। किसानों का ये महापड़ाव पिछले साथ दिनों से सीकर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर चल रहा है। इस दौरान किसानों ने शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया। इसके साथ ही सभी कांग्रेसी विधायकों के आवास का भी घेराव किया। महापड़ाव के आक्रोश के चलते किसानों ने मंगलवार को सीकर शहर के मुख्य मार्गों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतीकात्मक शव यात्रा भी निकाली। विरोध प्रदर्शन में काफ़ी संख्या में महिला किसान भी मौज़ूद थीं। इस दौरान किसानों के साथ पूर्व विधायक कामरेड अमराराम व पेमाराम और भादरा विधायक बलवान पूनिया सहित कई वरिष्ठ माकपा नेता भी शामिल रहे।

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फ़सल की सरकारी ख़रीद की मांग से पहले किसान क़र्ज़ माफ़ी की सच्चाई

किसानों का कहना है, कि सीकर जिले में प्याज़ की बंपर पैदावार होती है। इसलिए सरकार बाज़ार हस्तक्षेप नीति के तहत प्याज़ की सरकारी ख़रीद करें। सरकार कम से कम 8 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज़ खरीदे। फ़िलहाल किसानों को प्याज़ दो से तीन रुपये प्रति किलो में बेचना पड़ रहा है। इससे किसानों को उनकी फ़सल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा। जहां एक ओर किसान फ़सल की सरकारी ख़रीद न हो पाने से तो परेशान है ही। दूसरी ओर कांग्रेस ने सरकार बनाने से पहले किसान क़र्ज़ माफ़ी के जो जुमले गड़े थे। उनकी पोल भी अब खुलने लगी है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद ही अशोक गहलोत ने सम्पूर्ण किसान क़र्ज़ माफ़ी की घोषणा की थी।

लेकिन अब क्या सम्पूर्ण और क्या आंशिक किसान क़र्ज़ माफ़ी। बल्कि राजस्थान के किसानों को बैंकों की ओर से नोटिस दिए जा रहे हैं। जबकि गहलोत सरकार प्रदेश में किसान क़र्ज़ माफ़ी के प्रमाण पत्र बांटने की बात कर रही है। क्या इसीलिए किसानों ने कांग्रेस को सत्ता में बिठाया था। और क्या सिर्फ़ सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस ने किसानों से क़र्ज़ माफ़ी का झूठ बोला था।

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