सरकारें सत्ता में आते ही द्वेष की राजनीति करने पर आमादा होती हैं, इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। एक कटु सत्य यह भी है कि तकरीबन जो सरकारें सत्ता में आती है वो या तो पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं का संशोधन या फिर बंद कर देती है। ऐसा ही कुछ नजारा राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित सरकारों में देखने को मिल रहा है। राजस्थान में भी सरकार के बदलते ही योजनाओं के नाम बदलने की कवायद भी शुरु हो चुकी है। सभी सरकारी दस्तावेजों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर हटाने का आदेश जारी करने के बाद अब महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश भी योजना का नाम बदलने वाली है। दरअसल ममता भूपेश ने विजया राजे सिंधिया स्वयं सहायता समूह योजना का नाम बदलकर प्रियदर्शनी आदर्श स्वयं सहायता समूह योजना करने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि पूर्व गहलोत सरकार ने साल 2009 में इंदिरा गांधी के नाम से प्रियदर्शनी आदर्श स्वयं सहायता समूह योजना की शुरूआत की थी जिसे बाद में भाजपा सरकार ने बदलकर विजया राजे सिंधिया स्वयं सहायता समूह योजना किया था। लेकिन एक बार फिर से अब कांग्रेस सरकार योजनाओं के नाम बदलने की परम्परा की परिपाटी को आगे ले जाने पर की दिशा में चल रही है। विभाग की इस योजना के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर सशक्त व सक्षम बनाया जाता है। इसमें महिलाओं को सिलाई, स्वेटर और घरेलू कार्य सहित अन्य कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इनके जरिए महिलाएं अच्छी आय की प्राप्ति कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही है।
महिला अधिकारिता के आयुक्त पीसी पवन ने कहा कि राज्य सरकार ने विजया राजे सिंधिया स्वयं सहायता समूह योजना का नाम बदलने का निर्णय लिया है जिसका नाम फिर से प्रियदर्शनी योजना किया जाएगा। जल्द ही इस संबंध में विभाग की ओर से आदेश भी जारी किए जाएंगे।