जयपुर। इस साल के अंत में राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी रणनीति को लेकर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे है। वसुंधरा राजे की बढ़ती सक्रियता सीधा संदेश दे रही है कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वही अभी पहले नंबर पर हैं। जबकि भाजपा मुख्यमंत्री फेस को लेकर किसी तरह का ऐलान करने के मूड में नहीं है। सोमवार को बीजेपी की परिवर्तन यात्रा-3 के शुभारंभ पर पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जुगलबंदी के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। इससे पहले दो विधानसभा चुनाव वसुंधरा राजे के चेहरे पर ही लड़े गए थे। दोनों ही बार बीजेपी को बंपर जीत मिली थी।

अमित शाह के बाद राजनाथ सिंह ने राजे की जमकर तारीफ
सियासी जानकारों का कहना है कि राजनाथ सिंह की तारीफ वसुंधरा राजे की लिए संजीवनी से कमी नहीं है। अमित शाह के बाद राजनाथ सिंह ने भरे मंच से वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल की जमकर तारीफ की है। जिस समय राजनाथ सिंह तारीफ कर रहे थे, मंच पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे। सियासी जानकार शेखावत की मौजूदगी में वसुंधरा राजे की तारीफ के अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है चुनाव बाद बीजेपी सत्ता में आती है तो राजनाथ सिंह सीएम पद के लिए वसुंधरा राजे के समर्थन में खुलकर आ सकते हैं।

धुर विरोधी माने जाते हैं शेखावत
प्रदेश की राजनीति में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता है। शेखावत कहते रहे है कि विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। वसुंधरा राजे समर्थक इसे कटाक्ष के तौर पर मानते रहे हैं। हालांकि, शेखावत ने कभी खुलकर सीएम फेस के लिए वसुंधरा राजे के नाम पर आतत्ति नहीं जताई है। लेकिन जिस तरह से पीएम मोदी के चेहरे को आगे करते हैं। उससे साफ जाहिर है कि वह नहीं चाहते हैं कि वसुंधरा राजे को फिर से राजस्थान की कमान मिले।

राजनाथ की तारीफ वसुंधरा राजे की लिए संजीवनी
राजस्थान में चुनाव से पहले पूर्व !सीएम वसुंधरा राजे को पार्टी ने फिलहाल तो कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि आगामी दिनों में वसुंधरा राजे के बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। फिलहाल वसुंधरा राजे साइड लाइन है। चुनाव से पहले गठित दो अहम कमेटियों में वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों को जगह नहीं मिली है। ऐसे में सियासी जानकारों का कहना है कि राजनाथ सिंह की तारीफ वसुंधरा राजे की लिए संजीवनी से कमी नहीं है।

पा​र्टी का मारवाड़ पर फोकस
बीजेपी आलाकमान ने मारवाड़ को साधने के लिए राजनाथ सिंह को परिवर्तन यात्रा-3 का शुभारंभ करने की जिम्मेदारी दी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में देश में नंबर वन कोई सरकार है तो राजस्थान की सरकार है। उन्होंने कहा कि आंकलन कर लीजिए राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में कैसी सरकार थी और अब यहां कैसी सरकार है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पश्चिमी राजस्थान में राजपूतों वोट बैंक को साधने के लिए ही राजनाथ सिंह को जैसलमेर भेजा गया। माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह पश्चिमी राजस्थान में राजपूत वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को जैसलमेर और बाड़मेर में जबर्दस्त सफलता मिली थी।

जैसलमेर और जोधपुर की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
जोधपुर जिला और पश्चिमी राजस्थान पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का गढ़ बन चुका था। रामदेवरा जो की पोकरण विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है वहां भी अभी कांग्रेस विधायक और मंत्री है। इसके अलावा जैसलमेर और जोधपुर की अधिकांश सीटों पर भी कांग्रेस का कब्जा है। जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है ऐसे में यहां कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भाजपा को ज्यादा ताकत लगानी होगी।