जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे कल 3 दिसंबर (रविवार) को जारी किए जाएंगे। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी और दोपहर तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि प्रदेश में कौनसी पार्टी सरकार बनाने जा रही है। चुनाव नतीजों से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी अब अपनी जीत पक्की करने की पूरी कोशिश कर रही है और इसी के साथ वसुंधरा राजे की सक्रियता बढ़ती जा रही है। माना जा सकता है कि उनकी यह सक्रियता बहुत कुछ कह रही है।

वसुंधरा राजे को आलाकमान से मिले ये निर्देश
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के आलाकमान की ओर से पूर्व सीएम राजे को जरूरी दिशानिर्देश मिले हैं। उनसे कहा गया है कि अभी से ही निर्दलीय और बाकी छोटे दलों के विधायकों से संपर्क साधें ताकि समय आने पर उनकी मदद ली जा सके। इसी बीच वसुंधरा राजे पूरी तरह से एक्टिव रोल में आ चुकी हैं।

निर्दलीय बनेंगे किंगमेकर
विधानसभा चुनाव में जिताऊ निर्दलीय उम्मीदवारों पर सभी बड़े दलों की नजर रहती है। यह निर्दलीय प्रभावी रूप से प्रमुख पार्टियों का गणित बिगाड़ने में सक्षम हैं। ऐसे में जाहिर है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही छोटे दलों और इंडीपेंडेंट कैंडिडेट्स से संपर्क साध रहे हैं। उनसे बातचीत की जा रही है कि कहीं एक दो सीटों से जीत-हार का फैसला तय हो रहा हो तो ये निर्दलीय बड़ी भूमिका निभाएंगे।

चुनाव नतीजों से पहले राज्यपाल से मिलीं वसुंधरा राजे
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चुनाव परिणाम से पहले शुक्रवार को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और इससे पहले राष्ट्रीय स्वयं संघ के कार्यालय भारती भवन जाकर वहां संघ के अधिकारियों से भी चर्चा की। सीएम राजे की इस सक्रियता के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

चुनाव में जमीनी स्तर पर किया काम
दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे की भाजपा संगठन में पकड़ किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने इस चुनाव की शुरुआत हल्के तौर पर की हो लेकिन एक रणनीति के तहत काम करते हुए अंत में वो पुराने रूप में नजर आ रही हैं। वसुंधरा ने इस चुनाव में जमीनी स्तर पर काम किया। स्थानीय कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क बनाया। जितना संभव हो सका, उतने लोगों तक पहुंच बनाई। चुनावी अभियान में भी वसुंधरा राज्यभर के हर क्षेत्र तक पहुंचीं। पार्टी के सीनियर नेताओं से शिकायत किए बिना वो लोगों से संपर्क बनाने में जुटी रहीं।

राजे ने की 60 चुनावी जनसभाएं
वसुंधरा राजे ने भाजपा खेमे से सबसे अधिक चुनावी सभाएं की। वसुंधरा राजे ने करीब 60 चुनावी जनसभाएं कीं। राज्य में प्रमुख उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी सभाएं कीं। इस दौरान कांग्रेस सरकार और उनकी विफलताओं को खूब उजागर किया। साथ ही राजे ने राज्य के सभी समुदायों के साथ जुड़ने की कोशिश भी की. झालावाड़, हनुमानगढ़, बिलवाड़ा, बीकानेर, अनूपगढ़, राजगढ़ सहित अन्य जगहों पर हुई चुनावी सभाओं में वसुंधरा भारी भीड़ जुटाने में सफल रहीं।