जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी बिगुल बज चुका है। 25 नवंबर को मतदान होगाा और 3 दिसंबर को परिणाम जारी किया जाएगा। चुनाव को लेकर को लेकर प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में प्रदेश की राजनीति में सक्रिय दो बड़ी पार्टियां कांग्रेस और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने में लगी हैं। राजस्थान में कांग्रेस ने पांच सूचियां जारी की है। पार्टी कुल 156 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। जबकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सामने पार्टी को कोई प्रत्याशी नहीं मिल रहा है।

हॉट सीट झालरापाटन को लेकर संस्पेंस बरकरार
पिछली बार मानवेंद्र सिंह वसुंधरा के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार उन्हें सिवाना से टिकट दिया गया है। वसुंधरा राजे झालरापाटन से नामांकन दाखिल करेंगी। ऐसा माना जा रहा है इस बार पार्टी किसी चर्चित चेहरे को वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार सकती है। पिछली बार पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह को वसुंधरा राजे के खिलाफ टिकट दिया था। झालरापाटन वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है। यहां से कई बार चुनाव जीतकर राज्य की मुख्यमंत्री बनीं है।

वसुंधरा राजे 4 को नामांकन पत्र दाखिल करेगी
दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे सिंधिया 4 नवंबर को नामांकन पत्र दाखिल करेगी, जिसकी तैयारी जोरों से चल रही है। राजे की नामांकन रैली में बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ने का अनुमान है। हालांकि, हर बार देखा जाता है कि राजे के साथ उनके समर्थक बड़ी तादाद में नामांकन स्थल तक पहुंचते हैं, उसके बाद राजे नामांकन दाखिल करती हैं। इस बार बीजेपी वसुंधरा राजे को भले ही फ्रंट पर रखकर चुनावी मैदान में नहीं हो, लेकिन इतना तय है कि अभी भी राजस्थान में वसुंधरा ही बीजेपी की नंबर-1 नेता हैं।

अमित शाह या जेपी नड्डा आ सकते है
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता वसुंधरा राजे 4 नवंबर को झालावाड़ में अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगी। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अमित शाह या जेपी नड्डा में कोई एक नेता नामांकन कार्यक्रम में शामिल होंगे। साथ ही नामांकन के बाद एक बड़ी रैली का आयोजन भी किया जाएगा। वसुंधरा राजे के चेहरे के बिना इस बार बीजेपी चुनाव लड़ रही है। ऐसे में वसुंधरा राजे की नाराजगी बरकरार है। बीजेपी आलाकमान इस बार पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड रहा है।

भाजपा ने पूर्व विधायकों पर खेला दांव
विधानसभा 2018 के चुनाव में झालावाड़ जिले की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा था। ऐसे में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने चारों सीटों पर पूर्व विधायकों पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया है। हाड़ौती क्षेत्र को वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है। वहीं, समय-समय पर कांग्रेस पार्टी ने इस गढ़ को ढहाने के लिए कई प्रयास भी किए हैं। वसुंधरा के सामने चुनौती पेश करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने कभी लोकल प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़ाया तो कभी बाहरी प्रत्याशी पर दांव लगा राजे को चुनौती देने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस कामयाब नहीं हो सकी।