जयपुर, 31 मार्च। वसुधा जन विकास संस्थान की ओर से 75वें राजस्थान दिवस के अवसर पर ‘राजस्थान के इतिहास में महिलाओं की भागीदारी व बदलते परिवेश में आधुनिकता का संगम व महिलाओं की दशा’ विषय पर टॉक शो का आयोजन किया गया। मालवीय नगर मसाला मिनिस्ट्री में आयोजित हुए इस टॉक शो के साथ हेरिटेज आर्ट शो का आयोजन भी किया गया। दैनिक भास्कर के स्टेट एडिटर मुकेश माथुर और जाने—माने साहित्यकार व लेखक जितेंद्र सिंह शेखावत टॉक शो के मुख्य वक्ता थे। इसमें जयपुर की महिला आर्टिस्ट, सोशल वर्कर, एंटरप्रिन्योर व शिक्षाविद शामिल हुए। वसुधा जन विकास संस्थान एनजीओ की निदेशक मोना शर्मा ने टॉक शो का संचालन किया।

मुख्य वक्ता मुकेश माथुर ने कहा कि राजस्थान में बालिका लिंगानुपात दर 1000 लड़कों पर 1009 लड़कियां है, जो एक सुखद आँकड़ा कहा जा सकता है। उन्होंने जैसलमेर के पोकरण के गांव का एक उदाहरण देते हुए बताया कि आज से कुछ साल पहले हमने एक छापी थी कि उस गांव में मात्र 2 लड़कियां थी, ऐसे में सारा गांव लाइन से उन बच्चियों से राखी बँधवाता था, लेकिन सामूहिक प्रयासों से आज यहां जागरूकता आई और लिंगानुपात में सुधार आया है। इस तरह के बदलाव समाज के लिए उदाहरण बनते हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले में राजस्थान का देश में तीसरा स्थान है। हमें इस तरह की नकारात्मक छवि के कारणों को भी धीरे—धीरे खत्म होना होगा।

साहित्यकार जितेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि महिलाओं को राजस्थान में आजादी से पहले महिलाओं को घर में घूंघट हटाने की आजादी नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे शेखावाटी क्षेत्र में महिलाएं सरकारी नौकरियां करने लगी और घर में पैसा आने लगा तो लोगों ने महिलाओं को पढ़ाना और उच्च शिक्षा देना शुरू किया। यही वजह है कि शेखावाटी शिक्षा के क्षेत्र में आगे है। उस दौर में पूर्व महारानी गायत्री देवी ने भी राजस्थान की महिलाओं की शिक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य के साथ एमजीडी स्कूल की नींव रखी। राजस्थान की महिलाओं ने शिक्षा और आजादी पाने के लिए बहुत संघर्ष किया तब जाकर उन्होंने आज यह मुकाम हासिल किया है।

टॉक शो के साथ आयोजित आर्ट शो में आर्टिस्ट अदिति, स्मिता शुक्ला, द्रौपदी मीना व मानसी ने  राजस्थान की संस्कृति को दर्शाती अपनी हेरिटेज पेंटिंग्स प्रदर्शित की। कार्यक्रम में हेरिटेज दर्पण की पूजा शेखावत, गीता यादव, रीना, इरा शर्मा, ज्योत्सना शुक्ला, अनु सोगानी, सावित्री आदि उपस्थित थीं।