जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के बीच जारी अंतकलह ​थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद अब पायलट खेमे के दूसर विधायक भी मुखर होने लगे हैं। सियासी संकट में पायलट खेमे का साथ देने वाले एक और विधायक ने कांग्रेस के वर्तमान हालात को लेकर सवाल उठाए हैं। चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद सोलंकी ने हेमाराम चौधरी के इस्तीफे पर कहा है कि वे ईमानदार और स्वच्छ छवि के नेता होने के साथ ही ग्रास रुट के नेता हैं।

हेमराज चौधरी के आरोपों की जांच हो
सोलंकी ने कहा कि पार्टी को उनके इस्तीफे की वजह देखनी चाहिए। आलाकमान को उन्हें मनाना चाहिए ताकि कांग्रेस को कोई नुकसान ना हो। सोलंकी ने कहा कि कई बार अपनी पीड़ा बयां करते हुए हेमाराम चौधरी की आंखों से आंसू निकलते थे। हो सकता है कि उनके संयम का बांध अब टूट गया हो और इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दिया हो। सोलंकी ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर उन्होंने इस्तीफा देने जैसा कदम क्यों उठाया?

राजनीतिक नियुक्तियां से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा
मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में देरी से खफा पायलट खेमे के विधायक वेद सोलंकी ने सत्ता के विकेन्द्रीकरण की जरुरत जाहिर की। सोलंकी ने कहा कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि सरकार में अफसरशाही हावी है। कई मंत्रालय बिना मंत्रियों के चल रहे हैं और अफसर अपनी मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी राजनीतिक नियुक्तियां हुई हैं लेकिन पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने वाले लोगों को उनमें स्थान नहीं मिल रहा है।

काम नहीं हुए तो दे दूंगा इस्तीफा
वेद प्रकाश सोलंकी ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह सही है कांग्रेस सरकार में अफसरशाही हावी हो रही है। विधायकों के काम नहीं होते हैं। मैं कैसे भी करके अपने काम करवा लेता हूं, लेकिन मेरे काम भी नहीं होंगे तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा। अगर मेरे कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जाएगी तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा।