जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित सभी राजनीति दल अपनी अपनी रणनीति में जुटे हुए है। अभी तक बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव के लिए सीएम चेहरा का ऐलान नहीं किया है। इसी बीच खबर आ रही है कि निर्वाचन आयोग का एक उच्च स्तरीय दल राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचेगा। चुनाव के मद्देनजर बुधवार को जयपुर में भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई। यह बैठक शाम 7 बजे से लेकर देर रात 3ः30 बजे तक चली।

जेपी नड्डा और अमित शाह ने की अगुवाई में हुई बैठक
इस बैठक की अगुवाई पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने की। इस बार के चुनावों में पार्टी बिना सीएम फेस के चुनाव मैदान में उतरेगी। बताया जा रहा है कि पार्टी ने इसके लिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को मना लिया है। जो अब तक नाराज चल रही थीं। वे पिछले 10 दिनों से दिल्ली में डेरा डालकर बैठी थीं। इसके साथ ही टिकट बंटवारे में पार्टी उनकी राय को महत्व देगी ऐसा आश्वासन भी उनको दिया गया है।

वसुंधरा राजे के चेहरे पर मुस्कान
देर रात खत्म हुई बैठक के बाद वसुंधरा राजे के चेहरे पर मुस्कान नजर आईं। पार्टी के सूत्रों की मानें तो उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक चल रहा है। इससे पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे नाराज चल रही थी। पार्टी की ओर से शुरू की गई परिवर्तन यात्रा में भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया था। माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें साइडलाइन करने का मन बना चुकी है। लेकिन टिकट बंटवारे और बिना सीएम फेस चुनाव लड़ने पर उनको मना लिया जाना पार्टी के लिए राहत भरी बात हो सकती है।

30 सितंबर को आ सकती है पहली सूची
सब कुछ ठीक रहा तो शुक्रवार शाम तक भाजपा हाईकमान पहली सूची जारी कर सकता है। इसके अलावा 30 सितंबर को बीजेपी चुनाव समिति की बैठक होनी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मीटिंग में राजस्थान से जुड़े नेता भी शामिल होंगे। इस बैठक के बाद पार्टी राजस्थान चुनावों के लिए पहली सूची जारी करेगी।

परिवर्तन यात्राओं में नहीं दिखी भीड़
बीते दिन संपन्न परिवर्तन यात्रा के फीडबैक से पार्टी आलाकमान की आंखे खोल दी। वसुंधरा परिवर्तन यात्रा के आगाज पर तो मौजूद रही लेकिन पूरी यात्रा के दौरान वह किसी भी रथ पर नजर नहीं आई। यहां तक कि उनके क्षेत्र हाड़ौती में भी उन्होंने भाग नहीं लिया। वसुंधरा की परिवर्तन यात्रा से नदारद रहने के कारण पार्टी यात्रा के कार्यक्रमों में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटा पाई। एक प्रकार से पार्टी को को मोटे तौर पर यह अंदाजा लग गया कि बिना वसुंधरा के उनकी नैया पार नहीं लगेगी।

पीएम फेस पर लड़ा जाएगा चुनाव
सूत्रों की मानें तो अमित शाह और जेपी नड्डा ने वसुंधरा ने वन-टू-वन मीटिंग भी की। इस मींटिग में उनको भरोसा दिया गया कि पार्टी बिना सीएम फेस के मैदान में उतरने जा रही है लेकिन टिकट बंटवारे के दौरान उनकी राय को महत्व दिया जाएगा। इसके साथ ही यह चुनाव अन्य राज्यों की तरह पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा।

एमपी वाला फाॅर्मूला राजस्थान में भी लागू
बताया जा रहा है कि पार्टी इस बार एमपी वाला फाॅर्मूला राजस्थान में भी लागू कर सकती है। चुनाव में कमजोर सीटों पर और जातीय समीकरणों को साधने के लिए पार्टी टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, राज्यसभा सासंद किरोड़ी लाल मीणा और दीया कुमारी को मैदान में उतार सकती है। इसके अलावा कैलाश चौधरी, गजेंद्र सिंह शेखावत और पीपी चौधरी को भी चुनावी रण में उतारने की संभावना है।

कल से 3 दिन का दौरा करेगी चुनाव आयोग की टीम
निर्वाचन आयोग का एक उच्च स्तरीय दल राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचेगा। यह दल तीन दिन यहां रहेगा और तैयारियों की समीक्षा करेगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल 29 सितंबर से एक अक्टूबर तक जयपुर में रहेंगे। इस दौरान वे राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

2018 में 6 अक्टूबर को हुई थी घोषणा
विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी जल्द हो सकता है। जानकारी के अनुसार राजस्थान समेत 5 राज्यों में होने वाले चुनावों की तारीखों का ऐलान 7 से 8 अक्टूबर को हो सकता है। पिछली बार 2018 में आयोग ने इन राज्यों में मौजूदा विधान सभा के चुनाव के लिए 6 अक्टूबर 2018 को घोषणा की थी। राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को वोट डलवाकर 11 दिसंबर को सभी पांचों विधानसभा की मतगणना और नतीजे भी घोषित हो गए थे।

3 दिन चुनावी तैयारियों का लेंगे जायजा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक बयान में बताया कि 29 सितंबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त, आयुक्त व अन्य वरिष्ठ अधिकारी जयपुर में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। इसके पश्चात आयोग राज्य पुलिस, आयकर, आबकारी, परिवहन, वाणिज्यिक कर विभाग, रेलवे तथा एयरपोर्ट आदि के नोडल अधिकारियों से चर्चा करेंगे। अगले दिन यानी 30 सितंबर को मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज्य पुलिस नोडल अधिकारी एवं केन्द्रीय पुलिस बल के नोडल अधिकारियों द्वारा तैयारियों को लेकर टीम के सामने प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा।