राजस्थान में चुनाव का बिगुल बज चुका है। सही और मजबूत उम्मदवार को उतारना सभी राजनैतिक पार्टियों के चुनौती का काम है। भाजपा और कांग्रेस में इसके लिए मंथन जोर शोर से चल रहा है। भाजपा ने पहली लिस्ट तो जारी कर दी। वहीं कांग्रेस को पहली लिस्ट ही जारी करना चुनौती लग रहा है।

कुछ दिन पहले जहां मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि इस बार दो महीने पहले लिस्ट जारी कर दी जायेगीं। लेकिन चुनाव में एक महीने और कुछ दिन का समय बचा है लेकिन कांग्रेस की पहली लिस्ट भी नहीं आयी है। वहीं केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद भाजपा में दो लिस्ट जारी होगी, इसकी पुरी तैयारी है। 13 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है।

सूत्रों के अनुसार 20 अक्टूबर से पहले पार्टी सभी सीटों पर नाम फाइनल कर देगी। क्योंकि चुनाव आयोग की तरफ से 30 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। इसलिए पार्टी सभी नाम फाइनल करके प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार में ज्यादा समय देना चाहती है।

राजस्थान में इस बार का चुनाव बेहद रोचक होने वाला है। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी कह रही है कि मौजूदा विधायकों के खूब टिकट कटेंगे। नए चेहरों को मैदान में उतारा जाएगा। वहीँ कांग्रेस सूत्रों की माने तो टिकट काटना बहुत मुश्किल है।

कांग्रेस भी अक्टूबर महीने के अंत तक सभी नाम फाइनल कर देगी। अभी 100 से 115 नाम फाइनल हो चुके है। जिसमें ज्यादातर पिछले चुनाव वाले ही प्रत्याशी हैं। इस बार पहुंच और ‘जुगाड़’ पर पूरी तरह से रोक है। टिकट सर्वे के आधार पर दिए जाने की तैयारी है। मगर अभी रुझान ऐसा नहीं दिख रहा है। कांग्रेस में बगावती भी बड़ी संख्या में खड़े हो सकते है। 19 से 20 सीटों पर अभी से ही विरोध के सुर तेज होने लगे हैं।