जयपुर। राजस्थान में इस बार बीजेपी ने भावी मुख्यमंत्री के नाम पर कोई निर्णय नहीं लिया है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी और चुनाव जीतने के बाद ही मुख्यमंत्री का नाम तय करेगी। दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे का विरोधी गुट लगातार राजे की खिलाफत कर रहा है। लेकिन प्रदेश की जनता सहित कई बीजेपी नेता और विधायक एक बार फिर पूर्व सीएम रही वसुंधरा राजे को सीएम चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे है। बीते कुछ महीनों से लगातार यह मांग की जा रही है। वसुंधरा राजे प्रदेश की दिग्गज नेता है। पार्टी में उनके कद के मुकाबले दूसरा कोई नहीं है। यदि पार्टी पूर्व सीएम राजे को साइटलाइन करती है तो पार्टी को भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

कई सालों से राजस्थान को लीड कर रही हैं राजे
प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां जोरों पर है। भाजपा पूरे प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। जिसमें राज्य के नेताओं के साथ-साथ केंद्र के मंत्री और भाजपा शासित दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंच रहे हैं। लेकिन इस परिवर्तन यात्रा में राज्य की पूर्व सीएम और राजस्थान में भाजपा का चेहरा मानी जाने वाली वसुंधरा राजे बहुत कम दिख रही है। 2013 या 2018 के चुनाव में वसुंधरा जिस तरह पूरे राजस्थान को लीड कर रही थी, इस बार वो वैसी भूमिका में अभी तक नजर नहीं आई है।

वसुंधरा राजे को साइलाइन करना पार्टी को पड़ेगा भारी
सियासी गलियारों में चर्चा में भाजपा वसुंधरा को साइडलाइन कर चल रही है। आधिकारिक तौर पर इस पर अभी तक किसी ने कुछ नहीं कहा है लेकिन जो हालात दिख रहे हैं उससे यही नजर आ रहा है। लेकिन चुनावी विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा को वसुंधरा राजे को साइडलाइन करना भारी पड़ सकता है।

प्रदेश में बेहद लोकप्रिय हैं राजे
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की लोकप्रियता अब भी राज्यस्थान में भाजपा के अन्य नेताओं से अधिक है। इसकी झलक परिवर्तन यात्रा से एक दिन पहले वसुंधरा के देव दर्शन कार्यक्रम में भी देखने को मिली थी। वसुंधरा खास कर महिलाओं में बेहद लोकप्रिय हैं।

महिलाओं ने उठाई आवाज, वसुंधरा को दिए जाए कमान
ऐसे में राज्य के कई इलाकों में महिलाएं भाजपा की रैली और सभाओं में वसुंधरा को तलाश रही हैं। लेकिन उनके नहीं होने से उन्हें निराशा हाथ लग रही है। हाल के दिनों परिवर्तन यात्रा के दौरान कई जगह वसुंधरा को कमान दिए जाने की बात महिलाओं ने उठाई। हालांकि उनकी आवाज वैसी बुलंद नहीं थी कि यह मुद्दा बन जाए।

राजे के बिना बीजेपी की रैली फीकी
महिलाओं का कहना है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के बिना बीजेपी की रैली फीकी ही रहेगी। महिला कार्यकर्ताओं ने तो वसुंधरा राजे को सीएम फेस बनाने की मांग कर दी है। बता दें कि बीजेपी के लिए महिला वोटर्स सॉलिड वोट बैंक हैं। जब वसुंधरा राजे राज्य की मुख्यमंत्री थीं तब महिलाओं में पार्टी के सबसे लोकप्रिय चेहरे के रूप में विख्यात थीं।

महिला वोटर्स जगह-जगह कर रही मांग
ऐसा माना जा रहा है कि फिर से उस सॉलिड वोट बैंक को एकजूट करने के लिए वसुंधरा राजे की मौजूदगी जरूरी है। महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि सिर्फ वसुंधरा ही वो ताकत रखती हैं जो महिला वोटरों को बीजेपी की तरफ खींच सकें। बीजेपी के लिए महिला वोटर्स का विश्वास जीतना महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले कुछ चुनावों में मतदान के मामले में उन्होंने पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन किया है। चाहे 2013 हो या 2018, महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 1% अधिक था। जनसभा में कुर्सियां खाली देख के बीजेपी कार्यकर्ता और खासकर महिलाएं चाहती हैं कि गहलोत को हराने के लिए वसुंधरा राजे को ही सीएम का चेहरा बनाया जाए।

राजे के हाथ में होगी झालावाड़ आने वाली यात्रा की कमान
वसुंधरा राजे को साइड लाइन करने की अटकलों के बीच भाजपा संगठन की ओर से एक बार फिर से राजे को परिवर्तन संकल्प यात्रा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यात्रा झालावाड़ जिले की चारों विधानसभाओं में होकर गुजरेगी और इसके बाद कोटा के लिए रवाना होंगी। जिले में चारों सीटों पर भाजपा के विधायक होने से यात्रा में कार्यकर्ताओं की अच्छी भीड़ जुटने की संभावना जताई जा रही हैं।