जयपुर। राजस्थान विधानसभा उपचुनाव की आहट को लेकर अशोक गहलोत सरकार चिंतित नजर आ रही है। नए साल की शुरूआत में सुजानगढ़, सहाड़ा और राजसमंद में उपचुनाव होने हैं। इसको लेकर राज्य सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। माना जा रहा है कि इन उपचुनाव में ही सरकार की असली अग्निपरीक्षा होगी। चुनाव की घोषणा से पहले ही कांग्रेस पार्टी की ओर से तीनों विधानसभा के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए है।

कांग्रेस के खेमे में इतनी चिंता क्यों
नए साल फरवरी के मध्य में यह उपचुनाव हो सकते हैं। इसके लिए कांग्रेस ने अभी से ही इन तीनों विधानसभाओं में चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने साेमवार काे ही प्रभारियों की सूची भी जारी कर दी। सवाल यह है कि निकाय में अपनी जीत का जश्न मना रही कांग्रेस के खेमे में उपचुनावों की इतनी चिंता क्यों है? इसको आने वाले बजट को लेकर भी देखा जा रहा है।

भाजपा ने कांग्रेस को दी थी जबरदस्त टक्कर
अशोक गहलोत सरकार को फरवरी में विधानसभा पहुंचकर अपना बजट भी पास करवाना है। उपचुनावों में यदि कांग्रेस जरा भी कमजोर पड़ती है तो विधानसभा सत्र में उसके लिए मुश्किलें कई गुना बढ़ जाएगी। खास तौर पर तब जबकि कांग्रेस देशभर में किसान आंदोलन की अगुवाई करने का दावा कर रही है। हाल में हुए पंचायत चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस को जबरदस्त टक्कर दी थी। पंचायतों में भाजपा को कांग्रेस पर अच्छी खासी बढ़त मिली थी और सरकार के कई मंत्रियों के क्षेत्रों में उनके प्रत्याशी चुनाव हार गए।

कांग्रेस के भीतर फिर उभर सकता है असंतोष

यदि भाजपा इन तीनों सीटों पर चुनाव जीत जाती है तो कांग्रेस के भीतर का असंतोष फिर से उभर कर बाहर आ सकता है। यही वजह है कि सरकार ने इन चुनावों की तैयारी के लिए अपने तीन मंत्रियों को प्रभारी बनाकर मैदान में उतार दिया है।

इनको बनाया गया प्रभारी

सुजानगढ़ का प्रभारी उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी काे बनाया गया है। उनके साथ विधायक प्रत्याशी मंगलाराम गोदारा, डूंगर राम गेदर और नोरंग वर्मा को भी प्रभारी लगाया गया है। सहाड़ा का प्रभारी स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को बनाया है। इनके साथ पूर्व विधायक हरिमोहन शर्मा, धर्मेंद्र राठौड़ व रामसिंह कास्वां को भी प्रभारी लगाया गया है। राजसमंद का प्रभारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को बनाया गया है।