बजट में घोषित भर्तियों के समय पर पूरी करने की चिंता में सीएम
बजट में घोषित भर्तियों के समय पर पूरी करने की चिंता में सीएम

जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के दो साल पूरे होने जा रहे है। अशोक गहलोत ने सरकार बनाने से पहले प्रदेश की जनता से कई प्रकार के दावे किए, उनमें से एक है पारदर्शिता। गहलोत सरकार दो साल में पारदर्शिता के मामले में खरी नहीं उतरी है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इतना समय बीत जाने के बाद एक भी मंत्री ने अपनी संपत्ति सार्वजनिक नहीं की है। दो बार संपत्ति सार्वजनिक करने की समय सीमा निकल चुकी है लेकिन अभी तक एक भी मंत्री की चल अचल संपत्ति, देनदारी का ब्यौरा जीएडी की वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया गया है। इससे पारदर्शिता के दावों पर सवाल खड़े होने लग गये हैं।

हर साल मंत्रियों की संपत्ति का ब्यौरा होता है सार्वजनिक
यूपीए राज के दौरान सभी केंद्रीय और राज्यों के सीएम समेत मंत्रियों के लिए नए सिरे से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आचार संहिता बनाई थी। इस आचार संहिता को राज्य में भी लागू करने का फैसला किया गया था। मंत्रियों के लिए विस्तार से आचार संहिता लागू की गई है। इसमें पद संभालने के 2 माह के भीतर और इसके बाद हर साल 31 अगस्त को अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा सीएम को देना होता है। इसके बाद इसे सार्वजनिक करना होता है। सीएम गहलोत के पिछले कार्यकाल के दौरान नियमित रूप से सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) की वेबसाइट पर हर साल मंत्रियों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाता था। लेकिन इस बार अब तक जीएडी की वेबसाइट www.gad.rajasthan. gov.in पर संपत्ति का ब्यौरा नहीं डाला गया है।

मंत्रियों का दावा सीएम को सौंप चुके है संपत्ति का ब्यौरा
राज्य सरकार के मंत्री दावा कर रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री को अपनी संपत्ति का ब्यौरा सौंप चुके हैं। अब वेबसाइट पर सार्वजनिक क्यों नहीं है इस पर वे कुछ नहीं कह सकते। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि हम हमारी सम्पति का ब्यौरा मुख्यमंत्री को दे चुके हैं। हर साल ब्यौरा देते हैं इसमें कोई परेशानी नहीं है। वेबसाइट पर डालना जीएडी का काम है।

मंत्रियों के लिए तय आचार संहिता के मुख्य प्रावधान……..

– पद संभालने के 2 माह के भीतर संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा देना जरूरी है।
– हर साल 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्यौरा देना जरूरी है।
– मंत्री ऐसा कोई व्यापार नहीं कर सकेंगे जिसमें सरकारी विभागों को सामान आपूर्ति करते हों और सरकारी ठेके नहीं ले सकते।
– मंत्री कीमती उपहार स्वीकार नहीं कर सकते।
– मंत्री के परिवार से कोई व्यक्ति पीएम की अनुमति के बिना विदेश में नौकरी नहीं कर सकते।