लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण से पहले भाजपा व कांग्रेस समेत अन्य दलों के बीच जुबानी जंग जारी है। मध्यप्रदेश की भोपाल सीट की बात की जाए तो भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने अपने विवादित बयानों से पूरे देश की निगाहें इस सीट पर टिका कर रख दी है। प्रज्ञा अपने बयानों से पार्टी को लगातार मुश्किल में डाल रही है। सांप्रदायिक व पार्टी विरोधी बयानों से चर्चा में बने रहने वाली साध्वी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था जिसके बाद कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के साथ ही खुद भाजपा ने भी प्रज्ञा के बयान की निंदा की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी साध्वी प्रज्ञा के बयान को गलत ठहराते हुए कहा कि ”गांधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत खराब है और समाज के लिए बहुत गलत हैं। ऐसा कहने वालों को आगे से 100 बार सोचना पड़ेगा। ये अलग बात है कि उन्होंने माफी मांग ली, लेकिन मैं उन्हें दिल से कभी माफ नहीं कर पाऊंगा।” गौरतलब है कि अंतिम चरण के चुनाव के मद्देनजर साध्वी के बयान से पार्टी को काफी नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लेना ही उचित समझा है। साध्वी ने एक बयान में कहा था कि नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। हालांकि उनके बयान की किरकरी होने के बाद उन्होंने माफी भी मांगी लेकिन जब तक काफी देर हो चुकी थी।

अमित शाह ने साध्वी प्रज्ञा के बयान से किया किनारा

भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह भी अपने बड़बोले बयान के लिए पार्टी को कई दफा नुकसान पहुंचा चुके हैं लेकिन इस बार उनकी प्रतिद्वंद्वी साध्वी प्रज्ञा के विवादित भाषणों का फायदा कांग्रेस को मिलने की संभावना है। देशभर में साध्वी के बयान की निंदा के बाद खुद अमित शाह ने भी ट्वीट कर इन बयानों से किनारा किया और कहा कि ये उनके निजी बयान थे, जिसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।