भरतपुर। एमपी के मुरैना जिले में शनिवार को एक सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार, सर्च एंड बचाव कार्य किया जा रहा है। वहीं राजस्थान के भरतपुर शहर से भी एक चार्टर्ड विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने खुद मौके पर पहुंच गए हैं। एयरफोर्स के दो फाइटर प्लेन सुखोई-30 और मिराज-2000 शनिवार सुबह 10.00 से 10.30 बजे के बीच ग्वालियर के पास आपस में टकराकर क्रैश हो गए।

एक पायलट की मौत
सुखोई पर दो और मिराज पर एक पायलट सवार थे। हादसे में सुखोई के दोनों पायलट सुरक्षित एजेक्ट होने में कामयाब रहे, लेकिन मिराज के पायलट की मौत हो गई। सुरक्षित बचे पायलट को चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीनों पायलट के नाम और बाकी डिटेल के बारे में एयरफोर्स ने अब तक कुछ नहीं बताया है।

लहराते हुए खेतों में गिरा विमान
डिफेंस पीआरओ कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया, हादसा होने की सूचना मिली है। पता लगाया जा रहा है कि कौन सा विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। नगला बीजा के ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 10.30 बजे अचानक से आसमान में से लहराता हुआ एक फाइटर प्लेन आबादी के बाहर गांव के खेतों में गिर गया। प्लेन क्रैश की आवाज से पूरे गांव में हड़कंप मच गया। गांव के सैकड़ों लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। गांव के बाहर जगह-जगह प्लेन के टुकड़े बिखर गए।

सुखाई 30 और मिराज 2000 ने भरी थी उड़ान
आपको बात दे कि ग्वालियर स्थित एयरबेस से प्रशिक्षण के लिए दोनों विमानों ने उड़ान भरी थी। एक विमान सुखाई 30, जबकि दूसरा मिराज 2000 था। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एक विमान में केवल एक ही पायलट था, जबकि दूसरे विमान में कोपायलट भी मौजूद था।

आसमान में बन गया था आग का गोला
अधिकारियों के मुताबिक हादसा होते ही मिराज 2000 को उड़ा रहे दोनों पायलट पैराशूट से कूद गए और इनका विमान लहराते हुए आसमान में आग का गोला बन गया और पूरी गति से उड़ते हुए भरतपुर के उच्चैन पहुंच गया। सुखोई 30 विमान के पायलट ने आखिर तक उसे नियंत्रित करने का प्रयास किया और हादसे का शिकार हो गया।