जयपुर। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की बची हुई 3848 ग्राम पंचायतों का चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है। कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण के चुनाव के लिए 16 सितंबर को लोक सूचना जारी की जाएगी। 19 सितंबर को नामांकन-पत्र दाखिल किए जा सकेंगे और 20 सितंबर को नामांकन-पत्रों की जांच होगी। क्षेत्र की 40 ग्राम पंचायतों में 28 सितम्बर को सरपंच व वार्डपंच के चुनाव होंगे और इसी दिन चुनाव परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। जबकि 29 को उप सरपंच का चुनाव होगा। कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने विशेष गाइडलाइन जारी की है। जिसकी सख्ती से पालना को लेकर निर्वाचन अधिकारी राजेश मेवाड़ा ने प्रांरभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

बिना मास्क मतदाता की बूथ में नो एंट्री
गांव की सरकार चुनने के लिए मतदाताओं को इस बार परिचय पत्र के साथ मुंह मास्क अनिवार्य रूप से लगा के जाना होगा। बगैर मास्क वाले मतदाता को बूथ के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। साथ ही बूथ में प्रवेश से पहले प्रत्येक मतदाता की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। कोरोना संक्रमण के संदेह पर मतदाता को मतदान से वंचित रहना पड़ेगा।

तीन दिन तक कराना होगा सेनेटाइज
प्रत्येक बूथ पर मतदान के तीन दिन पहले ही सेनेटाइज कराने का कार्य शुरू करना होगा। चुनाव सम्पन्न होने के अगले दिन यानी 30 सिंतबर को दुबारा सेनेटाइज करना होगा। सेनेटाइज कराने को लेकर निर्वाचन अधिकारी मेवाड़ा ने विकास अधिकारी नरेन्द्र मीणा को निर्देश दिए हैं।

प्रत्येक बूथ पर होगी चिकित्सा टीम
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के प्रत्येक बूथ पर चिकित्सा टीम उपस्थित रहेगी। ये टीम बूथ के मुख्यद्वार पर मौजूद रहकर प्रत्येक मतदाता की थर्मल स्क्रीनिंग करेगी। जिस मतदाता के संक्रमित होने का संदेह होता है उसे तुंरत सैम्पलिंग के लिए भेजा जाएगा। इसे लेकर ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश यादव को निर्देशित किया गया है।

तो प्रत्याशी का रद्द हो जाएगा नामांकन
पंच और सरपंच बनने के इच्छुक प्रत्याशी नामांकन-पत्र भरते समय पूरी सावधानी बरतें अन्यथा उनका नामांकन-फॉर्म रद्द हो जाएगा। आयोग ने नामांकन को लेकर ये दिशा निर्देश जारी किए हैं।
– चुनाव में वे ही लोग उम्मीदवारी पेश कर सकेंगे जिनके घर में चालू हालात में शौचालय है।
– नामांकन के साथ अण्डरटेकिंग भी देनी होगी। इसमें लिखा जाएगा कि उनके घर में शौचालय है। उसकी तीन दीवारें और एक दरवाजे के साथ छत है।
– प्रत्याशी को फॉर्म में इस बात का भी उल्लेख करना होगा कि उसका कोई शासकीय/बिजली बिल बकाया नहीं है।
– प्रत्याशी को फॉर्म के साथ आपराधिक रिकॉर्ड की भी जानकारी देनी होगी।
– वैवाहिक स्थिति के कॉलम को खाली छोड़ने पर भी नामांकन फार्म रद्द हो जाएगा।
– चुनाव में कोई शैक्षणिक कोई बाध्यता नहीं रखी गई है।
– 27 नवंबर 1995 के बाद जन्मी संतान दो से अधिक नहीं होनी चाहिए। दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते।
– इस बार चुनाव खर्च सीमा में बढ़ोतरी की गई है। सरपंच पद के प्रत्याशी की चुनाव खर्च सीमा में 30 हजार रुपए बढ़ोतरी की गई है।
– अब सरपंच का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी 50 हजार रुपए तक खर्च कर सकेंगे। पहले यह 20 हजार रुपए निर्धारित थी।
– जिला परिषद सदस्य के लिए खर्च सीमा 80 हजार थी। उसे बढ़ाकर डेढ़ लाख कर दिया गया है।