बीकानेर। शांति और अहिंसा विभाग का दो दिवसीय राष्ट्र स्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग सम्मेलन रविवार को डागा पैलेस में प्रारंभ हुआ।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल थे। उन्होंने कहा कि खादी महज वस्त्र या उत्पाद नहीं, यह एक विचारधारा है। देश की आजादी में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी और उनके सिद्धांत बेहद प्रासंगिक हैं। आज पूरी दुनिया ने उनके सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को माना और समझा है।

श्री मेघवाल ने कहा कि आमजन, खादी को प्रोत्साहित करने के साथ महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे महापुरुषों के सिद्धांतों को पढ़ें और इनका अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए देश का पहला शांति और अहिंसा विभाग, राजस्थान में स्थापित किया है। इस विभाग के माध्यम से समय-समय पर ऐसी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों में खादी और ग्रामोद्योग के लिए कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को एक-दूसरे को समझने का अवसर मिलेगा।

श्री मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार, महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर कार्य कर रही है। अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ऐसी योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जो पूरे देश के लिए मिसाल हैं। उन्होंने इंदिरा रसोई योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा सहित अन्य योजनाओं को समाज के लिए बेहद उपयोगी बताया।

राज्य भूदान यज्ञ बोर्ड के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण कड़वासरा ने कहा कि खादी को प्रोत्साहित करने के आंदोलन में बीकानेर की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। यहां की अनेक खादी संस्थाओं ने जन-जन में देशभक्ति की भावना जगाई। उन्होंने कहा कि आज के दौर में इसे प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को समन्वित प्रयास करने होंगे।उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने खादी को आजादी की लड़ाई का प्रमुख हथियार बनाया।

खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री पंकज मेहता ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग, महात्मा गांधी का प्रिय विषय था। इस पर संवाद करना आज की आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा की गई इस पहल के बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने खादी को राष्ट्र की आत्मा बताया और कहा कि बेरोजगारी की समस्या के समाधान में खादी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।

जिला कलेक्टर श्री भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों की 152 खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि भागीदारी निभा रहे हैं। इनमें उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने खादी को और अधिक उपादेय बनाने तथा युवाओं के बीच इसका प्रचलन बढ़ाने के साथ इसे रोजगार से जोड़ने की बात कही। उन्होंने बताया कि पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में भी खादी से जुड़े उत्पादों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक संजय आचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुसार गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में खादी की पहुंच और इसे स्वरोजगार से जोड़ने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे।

इससे पहले आपदा प्रबंधन मंत्री ने महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। उन्होंने खादी संस्थाओं द्वारा लगाई गई स्टॉल्स का अवलोकन किया और इनकी सराहना की।

हनुमानगढ़ के जिला संयोजक श्रवण तंवर ने आभार जताया। इस दौरान राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ के अध्यक्ष श्री इंदु भूषण गोयल, सचिव श्री अनिल शर्मा, प्रख्यात गांधीवादी विचारक सवाई सिंह बतौर अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।

इस अवसर पर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) पंकज शर्मा, गांधी जीवन दर्शन समिति के सह संयोजक जाकिर पठान, एजाज अहमद पठान, नजाकत अली शेख, संतोष व्यास, हजारी मल देवड़ा, सहित अनेक लोग मौजूद रहे।