जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर ने अपनी ही सरकार के मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मेयर ने एक ऑडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने रोते हुए प्रतापसिंह खाचरियावास और पार्षद दशरथ सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

मुनेश ने कहा- अगर आप मुझसे लड़ना चाहते हैं। आमने सामने आओ और मुझसे लड़ो। उस लड़की को बख़्श दीजिए। उस लड़की की हालत बहुत ख़राब है। उन्होंने दोनों नेताओं पर अपनी गोद ली बच्ची के पिता पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। मेयर ने कहा- मंत्री और पार्षद सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए दलित बच्ची के पिता को डरा-धमका कर और प्रलोभन देकर मेरे खिलाफ एससी एसटी का बयान दिलवाना चाहते हैं। उनकी यह योजना पहले ही विफल हो चुकी है। ऐसे में अब मैं इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से करूंगी।

उन्होंने कहा- जिस बच्ची को मैंने गोद लिया है उसका नाम इशिता है। वह दलित समाज से हैं, लेकिन मंत्री और पार्षद अब उनके परिवार पर दबाव बना रहे हैं। उन्हें कई तरह के प्रलोभन भी दिये जा रहे हैं। कोई इतना नीचे कैसे गिर सकता है। बच्ची के पिता को फोन कर दबाव में लिया जा रहा, जबकि उस बच्ची की हालत बहुत खराब है। फिलहाल बच्ची बेड रेस्ट पर है। कुछ लोग दलित समाज का इस्तेमाल कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं।

मुनेश ने कहा- अगर किसी मंत्री या पार्षद को दलित समुदाय या किसी बच्ची की मदद करनी है तो मेरे वार्ड में कई दलित बच्चे हैं। उन्हें सहायता चाहिए। आप उन्हें अपना सकते हैं, ऐसी ओछी राजनीति न करें. आज उसके माता-पिता बच्ची की सेवा में लगे हैं तो मंत्री-पार्षद उन पर दबाव बना रहे हैं। वे लोग प्रलोभन देकर मेरे खिलाफ भड़काने की साजिश रच रहे हैं। ऐसे में मैं चाहता हूं कि ऑडियो में मंत्री और पार्षद का नाम आ रहा है। (मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और पार्षद दशरथ सिंह) के ऑडियो और कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा- मैं मंत्री और पार्षद से भी कहना चाहती हूं कि अगर लड़ना है तो मुझसे लड़ो। आमने सामने आकर मुझसे लड़ो, उस बच्ची को छोड़ दो। उस लड़की की हालत बहुत ख़राब है। उसे देखकर मुझे रोना आ रहा है। मुझे लगता है कि कुछ लोग सिर्फ दलितों को माध्यम बनाकर राजनीति करने में लगे हुए हैं। इसलिए मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करती हूं। आज ये सिर्फ इशिता के साथ हो रहा है। भविष्य में न जाने कितनी दलित लड़कियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जाएगा।