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मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की किसान कल्याणकारी फसली ऋणमाफी योजना कृषकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत 50 हजार रूपए तक का फसली ऋण माफ किया जा रहा है। अभी तक प्रदेशभर में 502 शिविरों का आयोजन हो चुका है जिसमें कुल एक लाख 8 हजार 315 किसानों को 319.14 करोड़ रूपए के कर्जमाफी के प्रमाण पत्रों का वितरण हो चुका है। इन शिविरों में किसान द्वारा मूल ऋणमाफी के बाद शेष बकाया राशि जमा कराने एवं ऋण के लिये आवेदन करने पर पूर्व में जितना ऋण स्वीकृत था उतना ऋण किसान को मुहैया कराया जा रहा है। यह जानकारी सहकारिता एवं गोपालन मंत्री अजय सिंह किलक ने दी है।

इस प्रकार हुई किसानों की कर्जमाफी

84 हजार 357 सीमान्त एवं लघु किसानों का 239 करोड़ 88 लाख रुपए का मूल ऋण, 9 करोड़ 32 लाख रुपए ब्याज राशि एवं 2 करोड़ 31 लाख रुपए की शास्ति राशि सहित कुल 251 करोड़ 51 लाख रुपए की कर्जमाफ किया गया है। अन्य श्रेणी के 23 हजार 958 किसानों का 67 करोड़ 64 लाख रुपए का कर्ज माफ किया गया है।

2800 करोड़ का ब्याज मुक्त फसली ऋण बांटा

किलक ने यह भी जानकारी दी कि खरीफ सीजन के लिए फसली ऋण के वितरण का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक किसानों को 2800 करोड़ रुपए से अधिक का ब्याज मुक्त फसली ऋण का वितरण किया जा चुका है। इस साल वसुन्घरा सरकार ने खरीफ सीजन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के फसली ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है जो गत वर्ष की तुलना में एक हजार करोड़ रुपए अधिक है।

कर्जमाफी में नहीं होगी कोई त्रुटि

किलक ने कहा कि जैसे-जैसे किसानों के ऋण खातों का वेलिडेशन का कार्य पूरा होता जा रहा है, वैसे ही ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कर्जमाफी के प्रमाण पत्रों के वितरण हेतु शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। किसान को दी जाने वाली कर्जमाफी में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं रह जाए, इसके लिये बैंक एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा बड़ी सावचेती के साथ डेटा वेलिडेशन का कार्य किया जा रहा है।

सहकारिता एवं गोपालन मंत्री ने बताया कि यदि किसी किसान को कर्जमाफी की राशि या उसको इसके लिए पात्र नहीं माने जाने के संबंध में किसी प्रकार की कोई आपत्ति है तो इसके समाधान के लिये जिला स्तर पर कमेटी बनाई गई है। यदि इसके स्तर पर भी किसान को समाधान नहीं मिल पाता है तो वह परिवेदना कमेटी के सम्मुख अपना पक्ष रख सकता है।

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