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Kota: Wildlife calculated from the transit line survey technique at the Mukandra Tiger Reserve.

राजस्थान में वन्य जीवों की गणना के लिए ट्रांजिट लाइन सर्वे तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी के तहत प्रदेश के कोटा जिले में स्थित मुकंदरा टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की गणना के लिए गुरुवार से ट्रांजिट लाइन सर्वे शुरू होने वाला है। इस तकनीक के उपयोग का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मुकंदरा टाइगर रिजर्व में कौन से वन्य जीव हैं और कौन-कौन से वन्य जीव कितनी संख्या में हैं, यह पता चल सकेगा। मुकंदरा टाइगर रिजर्व में 15 नवंबर से टाइगर रिजर्व की सभी 6 रेंज बोराबांस, दरा, वाहरसागर, कोलीपुरा, गागरोन और रावठां में ट्रांजिट लाइन सर्वे करके यहां वन्य जीवों की संख्या का पता लगाएंगे।

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File-Image: मुकंदरा टाइगर रिजर्व.

डीसीएफ डॉ. टी. मोहनराज के निर्देशन 25 नवंबर तक चलेगा सर्वे

गौरतलब है कि मुकंदरा टाइगर रिजर्व में अप्रैल 2018 में एक बाघ को बसाया गया है, जिसे वन विभाग ने एमटी-1 नाम दिया है। इस एमटी-1 बाघ के टाइगर रिजर्व में बसने के बाद यह पहला मौका होगा, जब रिजर्व में वन्य जीवों की गणना ट्रांजिट लाइन सर्वे तकनीक से की जाएगी। जानकारी के मुताबिक रिजर्व में वन्य जीवों की गणना 25 नवंबर तक चलेगी। मुकंदरा टाइगर रिजर्व के डीसीएफ डॉ. टी. मोहनराज के निर्देशन में सर्वे होगा। इसमें वन्य जीवों के साथ-साथ वनस्पति सहित अन्य बिंदुओं पर भी विस्तार रिपोर्ट तैयार की जानी है।

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रिजर्व में 500 से ज्यादा ट्रैप कैमरे अलग-अलग पॉइंट पर लगाए जाएंगे

एनटीसीए की गाइड लाइन के अनुसार मुकंदरा टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की गणना के लिए 500 से ज्यादा ट्रैप कैमरे अलग-अलग पॉइंट पर लगाए जाएंगे। इन आधुनिक कैमरों से 24 घंटे वन्य जीवों को ट्रैस किया जाएगा। वन विभाग सर्वे पूरा होने के बाद वाइल्ड लाइफ इंस्टीटयूट, देहरादून को रिपोर्ट भेजेगा। इस रिपोर्ट में मुकंदरा टाइगर रिजर्व में मौजूद वन्य जीवों की संख्या का आंकड़ा होगा। वन विभाग द्वारा ट्रांजिट लाइन सर्वे तकनीक से वनकर्मियों को अवगत कराने के लिए उन्हें रेंजवार ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रांजिट लाइन सर्वे के साथ-साथ वनकर्मियों को मोबाइल ऐप के जरिए सर्वे के बारे में भी बताया जा रहा है।