जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के चाकसू के पास कोटखावदा में शुक्रवार को आयोजित हुई किसान महापंचायत पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट के शक्ति प्रदर्शन में बदली नजर आई। इस महापंचायत में पायलट गुट के 16 विधायक पहुंचे। वहीं अशोक गहलोत गुट के एक विधायक प्रशांत बैरवा ने भी इसमें शामिल हुये। महापंचायत में सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग को उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। वहीं विधायक बैरवा के खिलाफ पायलट समर्थको ने खुलकर हूंटिंग की। किसान महापंचायत में सचिन पायलट ने एक तीर से दो निशाने साधे। एक ओर तो किसानों के आंदोलन पर केंद्र को खरी-खोटी सुनाकर अपनी जमीनी पकड़ से कांग्रेस हाईकमान तक संदेश पहुंचा दिया। वहीं 16 समर्थक विधायकों को मंच पर बैठाकर गहलाेत गुट को भी यह संदेश दिया कि अभी कहानी खत्म नहीं हुई है।

काफी गुस्से में नजर आए पायलट समर्थक
महापंचायत में शामिल पायलट समर्थक काफी गुस्से में नजर आये। ये समर्थक हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हुये राजस्थान दौरे में पायलट को तरजीह न मिलने से नाराज थे। कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही कलह महापंचायत में साफ नजर आई। इस महापंचायत का आयोजन चाकसू के विधायक और पायलट समर्थक वेदप्रकाश सोलंकी ने किया है। महापंचायत में शामिल हुए गहलोत गुट के विधायक प्रशांत बैरवा पहले पायलट गुट में थे। लेकिन विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव से पहले वे अशोक गहलोत के साथ चले गए थे।

महापंचायत में तीन प्रस्ताव पारित, तीनों कानून वापस ले केंद्र
पायलट ने कहा, हम महापंचायत में तीन प्रस्ताव रख रहे हैं। केंद्र तीन कृषि कानूनों को तत्काल वापस ले। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए कानून बनाए और पूरी फसल एमएसपी पर खरीदी जाए। भाजपा के शासन में पेट्रोल डीजल और गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। इनके दाम कम किए जाएं। केंद्र महांपचायत में पारित इन तीनों प्रस्तावों पर गौर करे। केंद्र के खिलाफ आगे भी महांपचायतें जारी रहेंगी।

राहुल के दौरे के दौरान पायलट को नहीं मिला था तवज्जा
आपको बता दें कि गत वर्ष पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच चले सियासी संघर्ष के बाद दोनों के बीच दूरियां काफी बढ़ चुकी है। हालांकि पार्टी आलाकमान दोनों के बीच पैदा हुई सियासी खाई को पाटने की पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन हालात को देखते हुये साफ जाहिर हो रहा है कि वह और गहरी होती जा रही है। राहुल के दौरे के दौरान पायलट को तवज्जो नहीं दिये जाने से उनके समर्थकों में खासा गुस्सा है।