भरतपुर : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रविवार को भरतपुर पहुंचे । जाट समाज के प्रतिनिधि मंडल में भरतपुर धौलपुर के जाटों को केंद्र में अन्य पिछड़ा वर्ग सूची में आरक्षण देने की मांग की । 

दरअसल 10 अगस्त 2015 को उच्च न्यायालय की एक याचिका के आधार पर भरतपुर धौलपुर जिले के जाटों को राजस्थान राज्य से अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची से बाहर कर दिया था । लेकिन जाट आंदोलन के बाद राजस्थान सरकार ने ओबीसी कमीशन का गठन किया और दोनों जिलों के जाटों की आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का सर्वे कराया । सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान सरकार ने 23 अगस्त 2017 को भरतपुर धौलपुर के जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल कर लिया था । 

28 दिसंबर 2020 को राजस्थान सरकार द्वारा भरतपुर धौलपुर के जाटों को केंद्र में अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के लिए सिफारिश चिट्ठी भेज दी थी मगर उससे ठीक आज तक निस्तारण नहीं हुआ । 

1998 में भरतपुर धौलपुर जनों के जाटों को छोड़कर राजस्थान के सभी जाटों को केंद्र और राज्य दोनों जगह अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया गया था । वर्ष 2000 में भरतपुर धौलपुर के जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में राजस्थान सरकार ने बढ़चढ़ धौलपुर की सर्वे कराए बिना शामिल कर लिया था जो राजस्थान सरकार की लापरवाही थी । 

राजस्थान भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता नेम सिंह फौजदार ने बताया कि लंबे संघर्ष के बाद राजस्थान सरकार ने ओबीसी कमिशन द्वारा भरतपुर धौलपुर जिले के जाटों की स्थिति का सर्वे कराया था जिसके आधार पर राजस्थान सरकार ने राज्य में ओबीसी की सूची में आरक्षण दे दिया । राजस्थान सरकार ने दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए सिफारिश पत्र भी लिखा है मगर पर अब तक अमल नहीं हो सका है । आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को ज्ञापन सौंपकर दोनों जनों के जाटों को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग की है । ओम बिड़ला ने जाट समाज के प्रतिनिधि मंडल को दिल्ली बुलाया है जिससे इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके । 

इस मौके पर प्रतिनिधि मंडल में डॉ शैलेश सिंह, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रूपेंद्र सिंह, सत्येंद्र पथेना,जगदीश अजान, प्रहलाद सरपंच और हरेंद्र सरपंच मौजूद रहे ।

संवाददाता- आशीष वर्मा