जयपुर। आईपीएस पंकज चौधरी की पत्नी मुकुल चौधरी ने भाजपा की सदस्यता ली है। मृदुल ने पिछले लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशाेक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को चुनौती दी थी। तब महज 10 दिन के प्रचार में उन्होंने चुनाव में 11 हजार 703 वोट हासिल किए थे। बीजेपी ज्वाइन करने वाली मुकुल चौधरी एक बड़े राजनीतिक परिवार घराने से आती हैं। राजस्थान के चुनावी राजनीति में मुकुल चौधरी का पुराना इतिहास रहा है। यहां की राजनीति में इनका चेहरा जाना-पहचाना है। साल 2019 में मुकुल ने जोधपुर लोकसभा सीट से वैभव गहलोत के खिलाफ बसपा से चुनाव लड़ा था। मुकुल चौधरी के पति पंकज चौधरी राजस्थान में आईपीएस हैं। वो कई जिलों के एसपी रहे हैं। इस समय वो सामुदायिक पुलिसिंग के एसपी हैं।

सुभाष महरिया की भी हो चुकी है वापसी
विधानसभा चुनावों पहले पार्टी से पूर्व में विभिन्न कारणों से बाहर किए गए नेताओं की घर वापसी करवाई जा रही है। इससे पहले सीकर से तीन बार सांसद रह चुके पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया की भी घर वापसी करवाई गई थी। महरिया ने भी पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से खफा होकर बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। लेकिन अब उनकी घर वापसी हो गई है। इस सूची में और भी कई बड़े नाम और अन्य छोटे नेता शामिल हैं।

वैभव गहलोत के खिलाफ लड़ चुकी लोकसभा चुनाव
आईपीएस पंकज चौधरी की पत्नी मुकुल चौधरी वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में जोधपुर लोकसभा सीट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा थां।

10 दिन के प्रचार में 11703 वोट हासिल किए
देश में चल रही मोदी लहर के चलते जोधपुर लोकसभा सीट पर गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जीत हासिल की। मुख्यमंत्री का गृहजिला होने के बावजूद उनके बेटे वैभव गहलोत को हार का सामना करना पड़ा। मुकुल पंकज चौधरी ने तब महज 10 दिन के प्रचार में 11703 वोट हासिल किए थे।

पूर्व कानून मंत्री की बेटी मुकुल
मुकुल चौधरी की पहचान उनकी मां के नाम से भी हैं। मुकुल की मां शशिदत्ता भैरोंसिंह शेखावत सरकार के समय कानून मंत्री रह चुकी हैं। हाल ही 6 सितंबर 2023 को शशिदत्ता का निधन हो गया। मुकुल चौधरी के पिता सोमदत्त राजस्थान प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त हैं। मुकुल पिछले 15 साल से सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में सक्रिय हैं। पिछले साल उन्हें लन्दन में जीआईडबल्यूए का अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड मिला था।

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती रही है मुकुल
विभिन्न अवसरों पर मुकुल चौधरी भ्रष्टाचार के मुद्दों पर आवाज बुलंद करती रही हैं। सफाईकर्मियों के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं दाखिल की। इसके बाद अदालत ने सफाईकर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया। चौधरी की याचिका के बाद ही सभाईकर्मियों के सिवरेज (गटर) लाइन में उतर कर काम करने पर रोक लगाई गई। सिवरेज लाइनों के सफाई का काम मशीनों से करवाए जाने के निर्देश जारी हुए।

मुद्दे उठाने में तेजतर्राज हैं मुकुल
आईपीएस पंकज चौधरी की पत्नी मुकुल चौधरी ने राजस्थान विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री लेने के बाद पोद्दार स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया। वे फाइनेंस और आईटी में भी एक्सपर्ट हैं। रिलायंस मनी के साथ काम करने का अनुभव रखती हैं। टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट होने के साथ फील्ड में भी काफी एक्टिव रहती हैं। समाज सेवा में उत्कर्ष्ठ कार्य करने पर जून 2023 में उन्हें काठमांडू (नेपाल) में डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गई।

इन सीटों से उम्मीदवारी की चर्चा
पिछले 15 सालों से लगातार मुकुल चौधरी राजनीति और सामाजिक कार्यों में यहां पर सक्रिय हैं। पार्टी कई जिलों में मुकुल चौधरी के प्रभाव को देखते हुए झालावाड़, जोधपुर जैसलमेर, बाड़मेर, पाली और जयपुर कहीं से भी उन्हें मैदान में उतार सकती है।